उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi government) ने गुरुवार को किसानों को लेकर बड़ा फैसला किया है. किसानों के लिए योगी सरकार ने मंडी शुल्क 2 प्रतिशत से घटाकर 1 प्रतिशत कर दिया है. इससे अब किसानों को मंडी में अनाज, फल , सब्ज़ी बेचने में ज़्यादा मुनाफा होगा. सरकार के इस फैसले से किसानों में खुशी की लहर है.
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कृषकों को मंडियों में बेहतर सुविधा प्रदान करने एवं मंडियों में कार्य कर रहे व्यापारियों के प्रोत्साहन के लिए मंडी शुल्क की दर को 02 प्रतिशत से घटाकर मात्र 01 प्रतिशत किए जाने का आदेश दिया है. मंडियों में विकास कार्यों को गति प्रदान के लिए विकास शुल्क की दर (0.5 प्रतिशत) यथावत रहेगी. अब मंडी परिसर के अंदर व्यापार करने पर वर्तमान में लागू 2.5 प्रतिशत के स्थान पर कुल 1.5 प्रतिशत कर ही देय होगा. मुख्यमंत्री कार्यालय ने गुरुवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी है.
मुख्यमंत्री का यह फैसला किसानों और सम्बंधित व्यापारिक संगठनों के लिए दिवाली का तोहफा माना जा रहा है. इससे पहले कोरोना महामारी के दौरान किसान हितों के संरक्षण के उद्देश्य से फलों एवं सब्जियों के सुगम विपणन के लिए कुल 45 जिन्सों को एक साथ मई में डी-नोटीफाईड कर दिया गया था, जिसके फलस्वरूप उन पर मंडी शुल्क की देयता समाप्त हो गयी थी.
इन उत्पादों के मंडी परिसर में लाए जाने पर मात्र एक प्रतिशत प्रयोक्ता प्रभार ही देय होता है. वहीं, केंद्र सरकार द्वारा बीते जून में मंडी क्षेत्र को मंडी परिसर एवं ट्रेड एरिया के रूप में पृथक-पृथक करते हुए मंडी समितियों के कार्यक्षेत्र को मण्डी परिसरों एवं अधिसूचित मंडी स्थलों तक सीमित कर दिया गया है और ट्रेड एरिया में होने वाले कृषि विपणन पर लाईसेन्स की अनिवार्यता तथा मंडी शुल्क/विकास शुल्क के आरोपण से अवमुक्त कर दिया गया है. ऐसे में मंडी परिसरों की सुविधाओं के समुचित सदुपयोग तथा कृषकों व व्यापारियों को मंडी परिसर में व्यापार के लिए प्रेरित करने दृष्टि से योगी सरकार ने मंडी शुल्क कम करने का फैसला लिया है.
कोरोना काल में 23 लाख लोगों को रोजगार देकर योगी सरकार ने बनाया नया रिकॉर्ड
कोरोना काल में योगी सरकार (Yogi Government) ने 23 लाख से अधिक लोगों को रोजगार देकर नया रिकॉर्ड कायम किया है. कोरोना काल में 5.81 लाख नई इकाइयां खड़ी हो गईं, जिन्होंने 23.26 लाख लोगों को रोजगार दिया है. आरबीआई के अनुसार, एमएसएमई के माध्यम से रोजगार देने वाले राज्यों में उत्तर प्रदेश टॉप 5 में है. कोरोना काल में दूसरे राज्यों से लौटे 40 लाख प्रवासी श्रमिकों और 23 करोड़ की आबादी की व्यवस्थाएं संभालने वाले यूपी का पांचवां स्थान है.
जब सभी राज्य संक्रमण काल से गुजर रहे थे, तब प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर पैकेज योजना से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सक्रियता से प्रदेश के हर एक जिले में पैकेज का लाभ मिलने शुरू हुए. एमएसएमई विभाग के अनुसार, प्रदेश में 5,81,671 नई इकाइयां शुरू हुईं, जिसमें कुल 23,26,684 लोगों को रोजगार दिया गया. आंकड़ों में 2,57,348 श्रमिक ऐसे हैं, जो पहले से चल रही इकाइयों में ही रोजगार पा गए.
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दूसरे राज्यों से लौटे लगभग 40 लाख प्रवासी श्रमिकों का स्किल मैपिंग अभियान चलाया गया. आंकड़ों के अनुसार, निर्माण इकाइयां जैसे रियल एस्टेट के जरिये 1,14,466 प्रवासी श्रमिकों को रोजगार मिला. रोजगार सृजन के मामले में गैर बीजेपी शासित राजस्थान, कर्नाटक, दिल्ली और पंजाब जैसे राज्य यूपी से पीछे है. योगी सरकार की 'एक जनपद एक उत्पाद योजना' (ODOP) रोजगार के मामले में गेम चेंजर साबित हुई. बड़े जिलों के साथ जौनपुर, एटा, पीलीभीत, मिजार्पुर और प्रतापगढ़ जैसे छोटे जिले भी ओडीओपी योजना के साथ रोजगार के केंद्र बने हैं.
Source : News Nation Bureau