उत्तर प्रदेश के लोगों को योगी सरकार की ओर से जोर का झटका लगा है. उत्तर प्रदेश में घरेलू बिजली की दरों में 8 से 12 फीसदी तक की बढ़ोतरी की गई है. वहीं औद्योगिक इलाकों में बिजली की दरों में 5 से 10 फीसदी इजाफा किया गया है. इसको लेकर मायावती ने सरकार को घेरते हुए कहा है कि उत्तर प्रदेश बीजेपी सरकार द्वारा बिजली की दरों को बढ़ाने को मंजूरी देना पूरी तरह से जनविरोधी फैसला है. इससे प्रदेश की करोड़ों खासकर मेहनतकश जनता पर महंगाई का और ज्यादा बोझ बढे़गा व उनका जीवन और भी अधिक त्रस्त व कष्टदायी होगा. सरकार इसपर तुरन्त पुनर्विचार करे तो यह बेहतर होगा.
बता दें यूपी सरकार लंबे समय से बिजली के दाम बढ़ाने पर विचार कर रही थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पॉवर यूटिलिटी उत्तर प्रदेश पॉवर कॉपरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) ने 25 फीसदी तक दाम बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था. इसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि बिजली की दरें बढ़ेंगी.
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अब बिजली के नए टैरिफ में घरेलू, ग्रामीण, व्यावसायिक और इंडस्ट्री सभी तरह के उपभोक्ताओं की दरों में बढ़ोतरी की गई है. नई दरों से सबसे ज्यादा प्रभावित घरेलू उपभोक्ता हो रहे हैं. इससे पहले बिजली कंपनियों की तरफ से दिए गए प्रस्ताव में शहरी घरेलू उपभोक्ताओं की 0-150 यूनिट की स्लैब की बिजली दर 6.20 रुपए प्रति यूनिट करने का प्रस्ताव दिया गया था.
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शहरी घरेलू उपभोक्ताओं जिनकी खपत 500 यूनिट से ज्यादा है उनकी बिजली 1 रुपए प्रति यूनिट बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया था. फिलहाल 500 यूनिट के लिए बिजली उपभोक्ताओं को 6.50 रुपए प्रति यूनिट देना पड़ता है, अब उपभोक्ताओं को बढ़ी दरों पर भुगतान करना होगा.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो