भारत में कोविड-19 के 50,210 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमण के मामले बढ़कर 83.64 लाख हो गए तो वहीं 77,11,809 लोगों के संक्रमण मुक्त होने के साथ ही देश में मरीजों के ठीक होने की दर 92.20 प्रतिशत हो गई. इस बीच कोरोना काल में योगी सरकार (Yogi Government) ने 23 लाख से अधिक लोगों को रोजगार देकर नया रिकॉर्ड कायम किया है.
कोरोना काल में 5.81 लाख नई इकाइयां खड़ी हो गईं, जिन्होंने 23.26 लाख लोगों को रोजगार दिया है. आरबीआई के अनुसार, एमएसएमई के माध्यम से रोजगार देने वाले राज्यों में उत्तर प्रदेश टॉप 5 में है. कोरोना काल में दूसरे राज्यों से लौटे 40 लाख प्रवासी श्रमिकों और 23 करोड़ की आबादी की व्यवस्थाएं संभालने वाले यूपी का पांचवां स्थान है.
जब सभी राज्य संक्रमण काल से गुजर रहे थे, तब प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर पैकेज योजना से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सक्रियता से प्रदेश के हर एक जिले में पैकेज का लाभ मिलने शुरू हुए. एमएसएमई विभाग के अनुसार, प्रदेश में 5,81,671 नई इकाइयां शुरू हुईं, जिसमें कुल 23,26,684 लोगों को रोजगार दिया गया. आंकड़ों में 2,57,348 श्रमिक ऐसे हैं, जो पहले से चल रही इकाइयों में ही रोजगार पा गए.
दूसरे राज्यों से लौटे लगभग 40 लाख प्रवासी श्रमिकों का स्किल मैपिंग अभियान चलाया गया. आंकड़ों के अनुसार, निर्माण इकाइयां जैसे रियल एस्टेट के जरिये 1,14,466 प्रवासी श्रमिकों को रोजगार मिला. रोजगार सृजन के मामले में गैर बीजेपी शासित राजस्थान, कर्नाटक, दिल्ली और पंजाब जैसे राज्य यूपी से पीछे है. योगी सरकार की 'एक जनपद एक उत्पाद योजना' (ODOP) रोजगार के मामले में गेम चेंजर साबित हुई. बड़े जिलों के साथ जौनपुर, एटा, पीलीभीत, मिजार्पुर और प्रतापगढ़ जैसे छोटे जिले भी ओडीओपी योजना के साथ रोजगार के केंद्र बने हैं.
एक नजर आंकड़े में डालते हैं...
- वर्तमान में कार्यरत इकाइयां- 8,07,537
- पहले से कार्यरत श्रमिक- 48,13,401
- नए श्रमिक- 2,57,348
- निर्माण (कंस्ट्रक्शन) इकाइयों में लगे प्रवासी- 1,14,466
- नई इकाइयां (यूनिट्स)- 5,81,671
- नई इकाइयों से मिले कुल रोजगार - 23,26,684
- 1 लाख से अधिक श्रमिकों को छोटे जिलों में ही मिला काम
Source : News Nation Bureau