उत्तर प्रदेश की योगी सरकार लघु एवं सीमांत किसानों की कर्जमाफी योजना अब बंद करने की तैयारी कर रही है. इस योजना के तहत किसानों का एक लाख रुपये तक कर्ज माफ किया गया है. योगी सरकार ने सत्ता में आने के बाद पहली कैबिनेट बैठक में किसानों की कर्जमाफी के वादे पर अमल का एलान किया था.
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सरकार ने वित्त वर्ष 2017-18, 2018-19 व 2019-20 में भी पूरी ताकत के साथ किसानों के ऋणमोचन की कार्यवाही को आगे बढ़ाया. लेकिन अब इस योजना को बंद करने की तैयारी है। अधिकार प्राप्त समिति ने सर्वसम्मति से इस संबंध में मुख्यमंत्री का अनुमोदन प्राप्त करने की संस्तुति कर दी है.
इस बारे में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया, "हमने इस योजना को ढाई वर्ष सफलता पूर्वक चलाया है. 43 लाख किसानों का लगभग 25 हजार करोड़ रुपये कर्ज माफ किया गया है. लगभग पांच लाख लोगों के आवदेन पेंडिंग पड़े हैं, उन्हें भी जल्द पूरे कर लिए जाएंगे. पेंडिंग होने का करण किसी का खाता संख्या गलत है, किसी ने 2017 के पहले का आवेदन कर रखा है. इसका मिलान किया जा रहा है.
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उन्होंने आगे कहा- अब जब कोई योजना सफलतापूर्वक पूरी हो गई है तो उसे समाप्त कर देना ही ठीक है. इसके आगे और भी किसानों के लिए कार्यक्रम हैं. उसे देखा जाएगा. पिछले काफी समय से छूटे किसानों की शिकायतों की जांच और पात्र किसानों को लाभ पहुंचाने की कार्यवाही चल रही है."
उन्होंने बताया, "जिलाधिकारियों व बैंकों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे अंतिम तौर पर लाभार्थियों के बारे में सुनिश्चित हो लें कि किसी अपात्र को योजना का लाभ नहीं मिला है और कोई पात्र छूटा नहीं है." उल्लेखनीय है कि मुख्य सचिव ने 15 दिनों के अंदर इस योजना के अन्तर्गत आने वाले किसानों के कर्ज माफ करने को कहा है. साथ ही सात जनवरी से 21 जनवरी के बीच जो ऑफलाइन शिकायतें हैं, उनका निस्तारण भौतिक सत्यापन के आधार पर करने को कहा है, ताकि कोई भी पात्र किसान योजना के नियमों के दायरे में आने के बावजूद लाभ से वंचित न रहे.
Source : आईएएनएस