उत्तर प्रदेश की उच्च सुरक्षा वाली चित्रकूट जेल में हुई गैगवॉर मामले की प्राथमिक रिपोर्ट आते ही योगी सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है. सरकार ने जेलर महेंद्र पाल और जेल अधीक्षक एसपी त्रिपाठीको निलंबित कर दिया है. इस संबंध में गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने आदेश जारी किए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चित्रकूट जेल में हुए गोलीकांड की 6 घंटे में रिपोर्ट मांगी थी. जांच कमिश्नर और आईजी चित्रकूट के साथ डीआईजी जेल मुख्यालय को सौंपी गई. प्राथमिक जांच रिपोर्ट पर जेल के दो बड़े अफसरों को फिलहाल सस्पेंड किया गया है.
यह भी पढ़ें : सीएम योगी का सख्त निर्देश, शवों को नदियों में प्रवाहित करने से हर हाल में रोकें
इसके अलावा चित्रकूट जेल मामले में दो एफआईआर दर्ज कराई गईं. पहली एफआईआर जेल अधीक्षक ने गैंगवार आरोपियों के खिलाफ कराई दर्ज है तो दूसरी एफआईआर सदर कोतवाल ने एनकाउंटर की दर्ज कराई. वहीं जिले के एसपी ने कहा कि रात में मेराज अली का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को डेड बॉडी सौप दी गई है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही इंजरी का क्लीयर पता लग पाएगा. उन्होंने कहा कि पिस्टल कैसे पहुंची, जेल के अधिकारी अभी जांच कर रहे हैं.
बता दें कि चित्रकूट जेल में शुक्रवार को गैंगवार में तीन विचाराधीन कैदी मारे गए. दर्जनों राउंड गोलियां चलीं, जिसमें अंशु दीक्षित नामक बंदी ने फायरिंग कर मेराज अली और मुकीम उर्फ काला को मार डाला. इसके बाद पुलिस बल ने जेल के अंदर ही अंशु दीक्षित का एनकाउंटर कर दिया. पुलिस ने दीक्षित को आत्मसमर्पण करने के लिए कहा, लेकिन उसने पुलिस पर गोलीबारी की, जिसके बाद ओपन फायर में दीक्षित मारा गया.
मेराज को माफिया डॉन और बहुजन समाज पार्टी के विधायक मुख्तार अंसारी का करीबी कहा जाता है. जबकि मुकीम उर्फ काला पश्चिम यूपी का मोस्ट वांटेड था. दीक्षित ने मुकीम काला को मारने के लिए देसी हथियार का इस्तेमाल किया था. घटना को अंजाम देने वाले का नाम अंशु दीक्षित था. वह सीतापुर जिले का रहने वाला था. उसके ऊपर आठ मुकदमें हत्या और रंगदारी के दर्ज थे. वह सुल्तानपुर से ट्रांसफर होकर यहां आया था. अन्य अभियुक्तों में से मुकीम काला जो कि शामली का रहने वाला है. उस पर 65 मुकदमें हैं. मेराज जो कि बनारस का रहने वाला था. उस पर 3 मुकदमे थे.
यह भी पढ़ें : काशी में कंधा देने के लिए मांगे जा रहे हैं 4 हजार रुपये, कफन का रेट सुनकर दंग रह जाएंगे आप
चित्रकूट के एसपी अंकित मित्तल ने कहा कि जेल के अंदर हथियार कैसे पहुंचा, इसका पता लगाने के लिए जांच कराई जाएगी. उन्होंने कहा कि सभी बैरक की तलाशी ली जा रही है. उल्लेखनीय है कि यह दूसरी बार है जब किसी गैंगस्टर ने जेल के अंदर दूसरे गैंगस्टर की हत्या की है. इससे पहले, जुलाई 2018 में गैंगस्टर मुन्ना बजरंगी को एक अन्य कैदी सुनील राठी ने बागपत जेल के अंदर गोली मार दी थी.
HIGHLIGHTS
- चित्रकूट जेल हत्याकांड में बड़ी कार्रवाई
- जेलर और जेल अधीक्षक सस्पेंड किए गए
- प्राथमिक रिपोर्ट के बाद सरकार का एक्शन