यूपी में खादी को प्रमोट करने के लिए योगी सरकार एक और पहल करने जा रही है. आम आदमी तक खादी उत्पाद पहुंचाने के लिए योगी सरकार पीपीपी मॉडल पर सभी जिलों में खादी स्टोर खोलने जा रही है. उत्तर प्रदेश खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड ने इसके लिए एक कार्ययोजना तय की है और बहुत जल्द इसकी शुरुआत भी होने जा रही है.
यह भी पढ़ें- क्या अपराधियों के आगे योगी सरकार ने समर्पण कर दिया है? UP में बढ़ते अपराध पर प्रियंका गांधी ने पूछा
दरअसल आधुनिकता की इस दौड़ में पिछड़ते खादी उत्पाद एक विशेष वर्ग की पहचान बनकर रह गए हैं. ऐसे में आम आदमी के बीच खादी को फिर से लोकप्रिय बनाने के लिए योगी सरकार खासी संजीदा नजर आ रही है. इसी के चलते नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी दिल्ली के सहयोग से यूपी में खादी डिजाइनर कपड़े की एक बड़ी रेंज पहले ही लांच की जा चुकी है.
यह भी पढ़ें- योगी सरकार के फैसले का रामदास अठावले ने किया स्वागत, कही ये बात
इतना ही नहीं विभागीय प्रमुख सचिव नवनीत सहगल के प्रयासों से खादी के ये डिजाइनर वीयर एवं अन्य प्रॉडक्ट कई ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर भी उपलब्ध हैं. इसके अलावा भी खादी उत्पाद को आम आदमी तक आसानी से उपलब्ध कराने के लिए और इस क्षेत्र में स्वरोजगार की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए ही योगी सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों में पीपीपी मॉडल पर खादी स्टोर खोलने का फैसला किया है.
यह भी पढ़ें- बदायूं में रिलीज नहीं हुई आर्टिकल-15, छावनी बना गांव, पीड़ित परिवार कर सकता है केस
एवं अगले दो महीने में ही इसकी शुरुआत भी होने जा रही है. इस कार्ययोजना की खासियत ये है कि पीपीपी मॉडल पर किसी भी व्यक्ति को स्टोर खोलने के लिए खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा लोन की सुविधा दी जाएगी. साथ ही स्टोर में खादी प्रॉडक्ट्स को स्टॉक रखने के लिए उसे किसी भी निवेश की जरूरत नहीं होगी. स्टोर संचालक को खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा ही सभी खादी उत्पाद मुहैया कराए जाएंगे.
जिसकी बिक्री होने के बाद तय मुनाफा लेकर स्टॉक का पैसा उसे खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड में जमा करना होगा. इस स्टोर में खादी उत्पादों के अलावा माटी कला बोर्ड के सहयोग से अन्य उत्पाद भी उपलब्ध होंगे. यही वजह है कि खादी को प्रमोट करने की इस नई कार्ययोजना को लेकर विभागीय अधिकारी खासे उत्साहित नजर आ रहे है.
HIGHLIGHTS
- पीपीपी मॉडल पर सभी जिलों में खुलेंगे स्टोर
- जुलाई से हो सकती है शुरुआत
- कई ई-कॉमर्स वेबसाइटों पर मिल रहे हैं कपड़े
Source : Harendra Chaudhary