उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार मछली पालन में युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने की योजना बना रही है. राज्य सरकार इस क्षेत्र में रोजगार की काफी संभावनाएं देखती है और उसका मानना है कि यह ग्रामीण विकास और अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है. यह आसानी से शुरू होने वाला व्यवसाय कम पूंजी के साथ शुरू किया जा सकता है. सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, मुख्यमंत्री ने मत्स्य पालन विभाग के माध्यम से कई लाभकारी योजनाएं शुरू करने की योजना बनाई है, जो न केवल मत्स्य व्यवसाय को बढ़ावा देगा, बल्कि जरूरतमंदों को रोजगार भी प्रदान करेगा जो उन्हें एक बार फिर आत्मनिर्भर बनने में मदद करेगा.
इससे गांव में बंजर पंचायती भूमि पर बने तालाबों से ग्राम पंचायत की आय बढ़ाने में भी मदद मिलेगी. प्रवक्ता ने कहा, मत्स्य पालन पर प्रशिक्षण देने के साथ-साथ सरकार द्वारा इस व्यवसाय को बड़े पैमाने पर विस्तारित करने का प्रयास किया जा रहा है. अब किसान खेती के साथ-साथ मत्स्य पालन से भी अपनी आय बढ़ा सकते हैं. यह याद किया जा सकता है कि राज्य सरकार ने पहले ही मत्स्य जलाशयों की अवधि 3 वर्ष से बढ़ाकर 10 वर्ष कर दी है. यही कारण है कि राज्य ने पिछले चार वर्षों के दौरान 26.44 लाख मीट्रिक टन मछली का उत्पादन किया है.
चार वर्षों में 1,191.27 करोड़ मत्स्य बीज का उत्पादन किया गया और 5,902 मछली किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड प्रदान किए गए. राज्य सरकार ने आत्मानिर्भर अभियान के तहत प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना को लागू करके किसानों को मुफ्त मछुआ दुर्घटना बीमा योजना का लाभ भी प्रदान किया है. राज्य सरकार ने पिछले चार वर्षों में राज्य में 2,215 मछुआरों, घरों को भी आवंटित किया है.
इसके साथ ही, उत्तर प्रदेश के मछुआरों के लिए सुविधाएं अब मछली किसान ऐप के माध्यम से उपलब्ध हैं. राज्य में 57 मछली बीज हैचरी और 385 मछली बीज पालन इकाइयों के निर्माण से किसान सीधे लाभान्वित हो रहे हैं. हाल ही में, उत्तर प्रदेश को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सर्वश्रेष्ठ अंतर्देशीय मत्स्य राज्य का प्रथम पुरस्कार भी मिला है.
HIGHLIGHTS
- 4 सालों में 26.44 लाख मीट्रिक टन मछली का उत्पादन
- चार वर्षों में 1,191.27 करोड़ मत्स्य बीज का उत्पादन
- 5,902 मछली किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड प्रदान किए