उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कई बीजेपी नेताओं के खिलाफ मुजफ्फरनगर दंगे के केस वापस लेने के लिए याचिका दी है. इसमें बीजेपी के तीन विधायक भी शामिल हैं. सितंबर 2013 में नगला मंदोर गांव में आयोजित महापंचायत में भड़काऊ भाषण देने का मामला इनके खिलाफ दर्ज है. शिखेड़ा थाने में दर्ज केस में सरधना (मेरठ) से विधायक संगीत सोम, शामली से विधायक सुरेश राणा और मुजफ्फरनगर सदर से विधायक कपिल देव का नाम है.
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इसमें हिंदूवादी नेता साध्वा प्राची का भी नाम है. सरकार प्रशासन से भिड़ने और ऐहतियाती निर्देशों का पालन न करने का आऱोप भी इन नेताओं पर है. सरकार ने केस वापसी की याचिका दी है और अभी इस पर सुनवाई बाकी है. 7 सितंबर 2013 को नगला मंदोर गांव के इंटर कॉलेज में जाटों ने महापंचायत बुलाई गई थी.
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इन विधायकों में मेरठ से विधायक संगीत सोम, शामली की थाना भवन सीट से विधायक सुरेश राणा और मुज़फ्फर नगर सदर सीट से विधायक कपिल देव के अलावा हिंदूवादी नेता साध्वी प्राची का भी नाम इस मामले में शामिल है. भड़काऊ भाषण के अलावा बीजेपी नेताओं पर नियमों का उल्लंघन करने, आगजनी में शामिल होने का भी आरोप है. यह भी आरोप था कि इन्होंने बिना शासन की अनुमति के महापंचायत बुलाई. इनके ख़िलाफ़ आईपीसी की कई धाराओं में मुक़दमा दर्ज किया गया था.
Source : News Nation Bureau