उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कानपुर में एक महीने पहले लैब टेक्नीशियन का अपहरण और हत्या के मामले में पुलिस अधिकारियों को गाज गिरी है. इस मामले में राज्य की योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अपर पुलिस अधीक्षक दक्षिणी अपर्णा गुप्ता, सीओ मनोज गुप्ता, बर्रा थाने के पूर्व प्रभारी निरीक्षक रणजीत राय और चौकी इंचार्ज राजेश कुमार को निलंबित कर दिया है. इसके अलावा कानपुर अपहरण फिरौती और हत्या मामले में बीपी जोगदंड अपर पुलिस महानिदेशक पीएचक्यू लखनऊ को तत्काल कानपुर नगर पहुंचकर जांच करने के निर्देश दिए गए हैं.
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पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों को भी गिरफ्तार कर लिया है. इसमें दो लोग संजीत के खास दोस्त थे, जिन्होंने संजीत के साथ पहले अन्य पैथोलॉजी में काम किया था. उन्होंने कबूल किया है कि उन्होंने 26 या 27 जून को ही संजीत की हत्या कर दी थी. पुलिस के अनुसार, फिरौती के लिए उसके दोस्त ने ही अपने साथियों के साथ मिलकर संजीत यादव का अपहरण किया था. उन्होंने संजीत की हत्या कर लाश को पांडु नदी में फेंक दिया था.
दरअसल, कानपुर बर्रा निवासी चमन सिंह यादव के इकलौते बेटा संजीत कुमार का 22 जून की शाम अपहरण हो गया था. दूसरे दिन परिजनों ने पूर्व थाना प्रभारी रणजीत राय को बेटे के लापता होने की बात बताई थी, लेकिन इसके बाद भी कुछ नहीं हो पाया. 29 जून की शाम अपहरणकर्ताओं ने परिजनों को फोन करके 30 लाख की फिरौती मांगी. 13 जुलाई की रात पुलिस ने फिरौती की रकम लेकर परिजनों को भेजा. अपहरणकर्ता गुजैनी पुल से फिरौती की रकम लेकर फरार हो गए और पुलिस देखती रह गई.
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इस घटना के बाद एसएसपी दिनेश कुमार पी ने इंस्पेक्टर रणजीत राय को निलंबित कर दिया था. वहीं खोज के लिए एसओजी, सर्विलांस टीम और कई थानों की पुलिस लगाई गई थी. इसी दौरान 27 जून को संजीत की हत्या कर दी गई. जिसकी पुलिस ने पुष्टि की है.