उत्तर प्रदेश में दोबारा योगी सरकार बन गई है. योगीराज-2 में करप्ट और लापरवाह अधिकारियों पर एक्शन तगड़ा है. योगी का फॉर्मूला बहुत सीधा है. सिस्टम साफ तभी होगा, जब सिस्टम को चलाने वालों का बेदाग होंगे. बीते एक महीने में ही करीब एक दर्जन अधिकारियों पर गाज गिर चुकी है. दर्जनभर रडार पर है, क्योंकि यूपी में योगी सरकार है. सीएम योगी ने निर्देश दे दिए हैं कि ऐसे अफसरों की लिस्ट बनाई जाए, जिनके ऊपर भ्रष्टाचार का आरोप है.
इसके लिए बकायदा विजिलेंस और CBCID के साथ ही स्क्रीनिंग कमेटी को जिम्मेदारी सौंपी दी गई है. SIT को भी जांच के लिए लगाया गया है. दरअसल, मुद्दा सिर्फ करप्शन का नहीं है, बल्कि अपनी जिम्मेदारियों में घोर कोताही का भी है.
सरकारी ठाठ में सिस्टम की खाट खड़ी कर रहे अफसरों पर कार्रवाई कर योगी का मकसद सूबे के अधिकारियों को साफ संदेश देना है. वो ये कि अगर काम कमजोर हुआ तो कार्रवाई झेलने को तैयार रहें.
सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश सरकार में 400 से 500 अधिकारी और कर्मचारी ऐसे हैं जो रडार पर हैं, क्योंकि मुद्दा सिर्फ करप्शन का नहीं है. बल्कि बेपरवाही से भरे कामकाज का भी है. लिहाजा देर सबेर हिसाब उनका भी होना तय है, क्योंकि एक्शन शुरू हो चुका है.
Source : Alok Pandey