UP की रायबरेली पुलिस का कारनामा गौरव उर्फ दीपू को 1 बैग मिला, इसमें 8 लाख रुपए थे. दीपू ये बैग लेकर थाने पहुंचा. पुलिस ने उसको ही 8 लाख रुपए की लूट में जेल भेज दिया. 12 दिन बाद वो जेल से छूटा है. रअसल मामला रायबरेली जिले के गदागंज थाना छेत्र का है. 20 अगस्त को थाना छेत्र में जन सुविधा केंद्र संचालक रवि चौरसिया नाम के युवक से दुकान बंद कर जाते समय उनके साथ लूट हो गई. बाइक सवार बदमाश रवि चौरसिया के हाथ से रुपयों से भरा बैग छीन कर फरार हो गए जिसमें आठ लाख रूपये थे.
बैग थाना प्रभारी को सौंप दिया
बताया जा रहा है कि बदमाश हड़बडाहट में बैग कुछ दूर पर सड़क के किनारे ही फेंककर फरार हो गए थे क्योंकि सामने से एक वाहन आ गया था. उसी रास्ते से गाड़ी में आरो का पानी लादकर जा रहे दीपू की नजर बैग पर पड़ी दीपू के साथ गाड़ी में मौजूद लड़कों ने बैग उठाया दीपू ने जब बैग को खोला तो उसमें रुपए भरे थे दीपू ने ईमानदारी दिखाते हुए गांव के प्रधान के पास पहुंचे जहां पर कई लोग मौजूद थे. दीपू सबके साथ थाने पहुंचा और रुपए से भरे बैग की जानकारी दी और बैग थाना प्रभारी को सौंप दिया.
प्रेस नोट भी जारी किया गया था
यही वो समय था जब थाना गदागंज प्रभारी राकेश चंद्र आनंद की नियत खराब हुई और जिले में बैठे पुलिस अधीक्षक अभिषेक अग्रवाल की निगाह में बेहतर बनने के चक्कर में उसने नेक काम करने आये दीपू को थाने पर रोक लिया बाकी सभी लोगों को जाने के लिए कहा कहा कि कुछ देर पूछताछ के बाद छोड़ देंगे , लेकिन उसके बाद बैग के साथ दीपू को जंगल में ले गए उसके हाथों में बैग पकड़ाकर वीडियो और फोटो बनाया दीपू ने जब इसका विरोध किया तो कहा कि लूट की घटना को तुम्हीं ने अंजाम दिया थाना प्रभारी राकेश चंद्र आनंद ने माल बरामदगी दिखाते हुए दीपू को 2 दिन बाद जेल भेज दिया और बकायदे प्रेस नोट भी जारी किया गया था.
परिजन समेत क्षेत्र के सभी व्यापारी गदागंज थाना पहुंचे
लेकिन धीरे-धीरे यह मामला जब क्षेत्र के व्यापारियों तक पहुंचा तो परिजन समेत क्षेत्र के सभी व्यापारी गदागंज थाना पहुंचे और प्रदर्शन कर हंगामा काटा कई घंटे के धरना प्रदर्शन के बाद खुद पुलिस अधीक्षक अभिषेक अग्रवाल ने पूरे मामले की विवेचना डलमऊ थाना के एसओ पवन सोनकर को सौंप दी थी. पवन सोनकर ने मामले की विवेचना के बाद कोर्ट में दी गई रिपोर्ट में बताया कि दीपू ने अच्छे नागरिक का फर्ज़ अदा करते हुए नेक नियति से सड़क के किनारे पड़े रुपयों वाले बैग को थाने में जमा कराया था.
26 अगस्त को जेल भेज दिया था
यहां एसओ राकेश चंद्र आनंद ने फ़र्ज़ी गुड वर्क करते हुए उसे गिरफ्तार कर लूट के आरोप में 26 अगस्त को जेल भेज दिया था. शनिवार को 12 दिन के बाद कोर्ट ने विवेचना के आधार पर दीपू को रिहा कर दिया है. हालांकि इन 12 दिनों में दीपू और उसके परिवार ने जिस तरह सामाजिक, मानसिक प्रताड़ना को सहा है उसकी भरपाई कैसे होगी इसका जवाब देने के लिए पुलिस का कोई भी अधिकारी सामने नहीं आया है.