व्हाट्सएप के जरिए लोगों की जिंदगी बचाने में जुटे नौजवान, जानें कैसे

कोरोना की दूसरी लहर बहुत भयवाह है, इसमें बेड, ऑक्सीजन और दवाओं का संकट खड़ा हो गया है. ऐसे में यूपी की राजधानी के कुछ नौजवानों ने कोरोना की पहली लहर में लखनऊ कोरोना वारियर्स 2019 वाट्सएप ग्रुप बनाया था.

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Deepak Pandey
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व्हाट्सएप के जरिए लोगों की जिंदगी बचाने में जुटे नौजवान( Photo Credit : IANS)

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कोरोना की दूसरी लहर बहुत भयवाह है, इसमें बेड, ऑक्सीजन और दवाओं का संकट खड़ा हो गया है. ऐसे में यूपी की राजधानी के कुछ नौजवानों ने कोरोना की पहली लहर में लखनऊ कोरोना वारियर्स 2019 वाट्सएप ग्रुप बनाया था, जोकि लोगों के लिए उम्मीद की किरण बनकर उभरा है. राजधानी लखनऊ के राकेश को आक्सीजन की अवश्यकता पड़ी. इन्होंने सोशल मीडिया में जानकारी दी. इसके बाद कहीं से इस ग्रुप को यह बात पता चली इस ग्रुप के वारियर्स मदद के लिए आगे आए. इन्हें ना सिर्फ बेड दिलवाया बल्कि अस्पताल में बेड भी मुहैया करवाया है.

ऐसे ही लखनऊ विकास उन्हें रात में एंबुलेस की अवश्यकता पड़ी. उन्हें मिलने में बहुत कठिनाई हो रही थी. ऐसी मुश्किल घड़ी में इस ग्रुप के सदस्यों ने रात में एम्बुलेंस से मदद दिलवाकर उनकी जान बचाई. लखनऊ के अम्बरीश को भी आक्सीजन की जरूरत थी. उन्होंने अपने संदेश बनाकर सोशल मीडिया में डाले थे. इस ग्रुप को पता चला वह मदद के लिए आगे आए.

लखनऊ कोरोना वारियर्स के नाम से बने ग्रुप में शामिल लोग हैं जो ऑक्सीजन, प्लाज्मा, एंबुलेंस व अन्य जरूरी सामन जरूरतमंद लोगों तक मुहैया करा रहे हैं. इन कोरोना योद्धाओं की परोपकार की सफल कहानी काफी प्रेरणादायक है, इस ग्रुप में 13 लोग एडमिन है. जोकि सूचनाक्रंति को तकनीक का बेहतर उपयोग करके यह वैष्विक महामारी में लोगों टूटती सांसों जोड़ने के लिए आक्सीजन, जान बचाने वाले इंजेक्शन, दवाएं और अस्पतालों में बेड मुहैया कराने के प्रयास में लगे हैं.

वाट्सएप पर लखनऊ कोरोना वारियर्स 2019 संचालित एक ग्रुप पर राजधानी लखनऊ समेत अनेक शहरों से 109 लोग जुड़े हैं, जोकि इंटरनेट मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्मों पर जरूरतमंदों की गुहार को इस ग्रुप पर साझा करते हैं. इसमें जुड़े सदस्य तुरंत मदद के लिए जुट जाते हैं. संबधित अधिकारी से संपर्क करके मदद करते हैं. कई बार इन्हें सफलता नहीं मिलती पर यह निराष नहीं होते हैं और अपने काफ पर लगे रहते हैं.

इस ग्रुप के एडमिन एमएसएमई के सीनियर कांसल्टेंट गौरव श्रीवास्तव ने बताया कि जब कोरोना की पहली लहर आई थी. उस दौरान हमने 24 मार्च 2020 में इस ग्रुप को बनाया था. जिसमें हमारे बहुत सारे साथियों ने बहुत सारे लोगों को दवाइयां और खाना पहुंचाने में मदद की थी. अब दूसरी लहर जब आयी तब इस ग्रुप के सदस्यों ने अपने-अपने तरीके से मदद करने प्लान बनाया इसके बाद अवष्यकतानुसार बेड, दवा, आक्सीजन सिलेंडर और खाने की व्यवस्था की जा रही है.

एक अन्य एडमिन अंकुर जो कि आईओसीएल में कार्यरत उन्होंने भी इस ग्रुप सहारे से लोगों की मदद का जरिया बने हैं. उन्होंने बताया कि इसके माध्यम से जरूरत मंदो सैनिटाइजर मास्क या अन्य सामग्रियों का इंतजाम करवाते हैं.

इस पर मेडिसिन के छात्र श्रियांस भी लखनऊ कोरोना वारियर्स से जुड़े हैं. उन्होंने बताया कि हमारे ग्रुप में चिकित्सक वा मेडिकल क्षेत्र के लोग भी जुड़े हैं, जिनसे जितनी मदद हो पाती वह करते हैं. नहीं तो मदद करने वाले का नंबर उपलब्ध करा देते हैं. हमारी टीम अफसरों से समाजस्य बैठकार लोगों सही जानकारी उपलब्ध कराने में भी सहायता करती है, जिसके बाद उनकी मदद हो जाती है. प्रयागराज में डाक्टर ममता भी इस ग्रुप में काफी सक्रिय रहती है. वह लोगों की मदद के लिए भरसक प्रयास करती है.

Source : IANS

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