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रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी खतरे के निशान पर, बद्रीनाथ और केदारनाथ हाइवे भूस्खलन के चलते बंद

जखोली के बुढ़ना फतेड़ू में तीन मंजिला मकान का हिस्सा भारी बारिश के चलते हुआ क्षतिग्रस्त, रुद्रप्रयाग शहर में जलभराव से नालियां हुई चोक, नगर पालिका कर्मचारी नालियां खोलने में जुटे.

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Mohit Saxena
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alaknanda river

alaknanda river ( Photo Credit : ani)

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रुद्रप्रयाग जनपद में बीते तीन दिनों से बारिश जारी है. बारिश के कारण हालात अस्त  व्यस्त हैं. नदी-नालों में बाढ़ आई हुए है. केदारनाथ और बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग भी कई स्थानों पर भूस्खलन होने के कारण बंद है, जबकि जिले के एक दर्जन लिंक मार्गों  पर मलबा ढहने के कारण आवाजाही ठप हो चुकी है. अलकनंदा नदी विकराल रूप धारण करके बह रही है. नदी ने खतरे के निशान को पार कर लिया है. नदी किनारे  स्थित सभी घाट और रास्ते भी जलमग्न हो गए हैं, जबकि आवासीय भवनों की सुरक्षा  दीवारों तक पानी पहुंच गया है. 

रुद्रप्रयाग शहर में जल भराव की स्थिति पैदा हो गई है और नगर पालिका के सफाई कर्मचारी चोक हुई नालियों को खोलने में जुटे हुए हैं. भारी बारिश के कारण रेड अलर्ट  को देखते हुए डीएम सौरभ गहरवार ने शासकीय, अशासकीय स्कूलों के साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों में छुट्टी कर दी है. वहीं जखोली के बुढ़ना फतेड़ू में तीन मंजिला    मकान का हिस्सा भारी बारिश के चलते क्षतिग्रस्त हो गया है.

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तीन दिनों से बारिश जारी

रुद्रप्रयाग जिले में लगातार तीन दिनों से बारिश जारी है. बारिश के कारण हालात बेहाल  हो गए हैं. आज सभी आंगनबाड़ी और 12 वीं तक के सभी स्कूल भी बंद हैं. बारिश के चलते केदारनाथ यात्रा भी प्रभावित हो गई है. केदारनाथ हाइवे फाटा के निकट डोलिया देवी और काकड़ा गाड़ में मलबा आने से बंद है, जिस कारण पुलिस प्रशासन की ओर से यात्रियों को जगह-जगह रोका गया है. इसके अलावा बदरीनाथ हाईवे सिरोबगड़ में पहाड़ी से आये मलबे के कारण बंद है. यहां भी राजमार्ग के दोनों ओर सैकड़ों वाहन फंसे हुए हैं. 

एक दर्जन से ज्यादा सड़कें बाधित

इसके अलावा बारिश के कहर से रुद्रप्रयाग जिले की एक दर्जन से ज्यादा सड़कें बाधित हो चुकी हैं. ग्रामीण इलाकों को जोड़ने वाले लिंक मार्गों पर जगह-जगह मलबा ढह चुका है. ग्रामीण जनता को आवागमन करने में बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी ने विकराल रूप धारण कर दिया है. बद्रीनाथ क्षेत्र में लगातार हो रही तेज बारिश के चलते अलकनंदा नदी अपने खतरे के निशान 626 मीटर तक पहुंच गई है. 

हनुमान मंदिर को भी खतरा 

नदी का जलस्तर बढ़ने से बेलनी स्थित हनुमान मंदिर को भी खतरा पैदा हो गया है. मंदिर की सुरक्षा दीवार तक पानी पहुंच गया है. इसके अलावा अन्य भवनों को भी खतरा पैदा हो गया है. नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत बने सभी घाट जलमग्न हो चुके हैं, जबकि नदी किनारे बने पैदल रास्ते भी डूब गए हैं. ऐसे में लोगों को आवागमन की समस्या भी पैदा हो गई है. बारिश यदि इसी प्रकार लगातार जारी रही तो परेशानी बढ़ सकती है. केदारनाथ धाम जाने वाले यात्रियों के लिए भी एडवाइजरी जारी की गई है कि मौसम को देखकर ही यात्रा करें. लगातार हो रही भारी बारिश के चलते रुद्रप्रयाग शहर में भी जल भराव की स्थिति पैदा हो गई है. ऑल वेदर सड़क के तहत निर्माण कार्य सही ढंग से नहीं होने के कारण नालियां चैक हो रही हैं. नगर पालिका के सफाई कर्मचारी चैक हुई नालियों को खोलने में जुटे हुए हैं. भारी बारिश ने शहरी इलाकों से लेकर ग्रामीण इलाकों तक दहशत का माहौल बना दिया है

वहीं विकासखंड जखोली के अन्तर्गत ग्राम पंचायत बुढ़ना (फतेड़ू) में भारी बारिश के चलते कलम सिंह पुत्र गैणा सिंह का तीन मंजिला मकान का आधा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है. वर्तमान समय में इस मकान पर लोगों की किराये पर दुकाने मौजूद हैं. अगर इसी प्रकार से बारिश का सिलसिला जारी रहा तो मकान पूर्ण रुप से क्षतिग्रस्त हो सकता है.

Source : News Nation Bureau

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