पौढ़ी गढ़वाल से भारतीय जनता पार्टी (BJP) सांसद तीरथ सिंह रावत (Tirath Singh Rawat) उत्तराखंड ने नए मुख्यमंत्री होंगे. बुधवार को बीजेपी विधायक दल की बैठक में उन्हें नेता चुना गया और इसके साथ ही उनके नए सीएम बनने का रास्ता साफ हो गया. तीरथ सिंह रावत इसके पहले उत्तराखंड (Uttarakhand) में शिक्षा मंत्री रह चुके हैं. उनके नाम की घोषणा त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) ने ही की, जो दिल्ली तलब किए जाने के बाद राज्यपाल से मुलाकात कर संकेत दे चुके थे कि उनकी सीएम की कुर्सी बस चंद घंटों की ही है. तीरथ सिंह रावत का नाम तय होने से पहले केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक समेत कई नामों की चर्चा चल रही थी. सूत्रों के मुताबिक तीरथ सिंह रावत बुधवार शाम को ही शपथ ले सकते हैं. तीरथ सिंह रावत सूबे के 11वें मुख्यमंत्री होंगे. हालांकि बीजेपी आलाकमान ने संभवतः पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट सामने आने के बाद ही अपना मन बना लिया था कि राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव और बीजेपी में मची अंतर्कलह से निपटने के लिए किसे सीएम पद की जिम्मेदारी देनी है.
विधायक दल की बैठक में लगी मुहर
आज सुबह भाजपा कार्यालय पर बुलाई विधायक दल की बैठक में नए सीएम के रूप में तीरथ सिंह रावत के नाम पर मुहर लगी. बैठक में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और उत्तराखंड के प्रभारी रमन सिंह, रमेश पोखरियाल के अलावा कार्यवाहक मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत, दुष्यंत कुमार गौतम, यशपाल आर्य, रेखा वर्मा समेत उत्तराखंड से भाजपा के तमाम सांसद और विधायक मौजूद रहे.
तीरथ सिंह रावत का परिचय
तीरथ सिंह का जन्म 9 अप्रैल 1964 को पौड़ी गढ़वाल में हुआ था. वर्तमान में वह पौड़ी लोकसभा सीट से ही सांसद हैं. इससे पहले साल 2012-2017 में चौबट्टाखाल विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं. वह बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव भी हैं. उन्होंने श्रीनगर गढ़वाल के बिरला कॉलेज से समाजशास्त्र में पोस्ट ग्रैजुएट और पत्रकारिता में डिप्लोमा हासिल किया. पढ़ाई पूरी करने के बाद वह आरएसएस के साथ बतौर सामाजिक कार्यकर्ता जुड़ गए. पौड़ी सीट से भाजपा के उम्मीदवार के अतिरिक्त 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हिमाचल प्रदेश का चुनाव प्रभारी भी बनाया गया था. तीरथ सिंह रावत वर्ष 2000 में नवगठित उत्तराखंड के प्रथम शिक्षा मंत्री चुने गए थे. इसके बाद 2007 में भारतीय जनता पार्टी उत्तराखण्ड के प्रदेश महामंत्री चुने गए. इसके बाद प्रदेश चुनाव अधिकारी और प्रदेश सदस्यता प्रमुख रहे. 2013 उत्तराखंड दैवीय आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के अध्यक्ष रहे. 2012 में चौबटाखाल विधान सभा से विधायक निर्वाचित हुए और वर्ष 2013 में उत्तराखंड भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बने.
आरएसएस के प्रचारक भी थे तीरथ
इसके पहले वर्ष 1983 से 1988 तक वह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक रहे. वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (उत्तराखण्ड) के संगठन मंत्री और राष्ट्रीय मंत्री भी रह चुके हैं. तीरथ सिंह रावत के राजनीतिक सफर की शुरुआत छात्र जीवन में ही हो गई थी. वह हेमवती नंदन गढ़वाल विश्व विधालय में छात्र संघ अध्यक्ष और छात्र संघ मोर्चा (उत्तर प्रदेश) में प्रदेश उपाध्यक्ष भी रहे. इसके बाद भारतीय जनता युवा मोर्चा (उत्तर प्रदेश) के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे. 1997 में उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य निर्वाचित हुए और विधान परिषद में विनिश्चय संकलन समिति के अध्यक्ष बनाये गए. तीरथ सिंह रावत को पौड़ी सीट से भारी मतों से लोकसभा का चुनाव जीते थे. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के मनीष खंडूड़ी को 2,85,003 से अधिक मतों से हराया था.
HIGHLIGHTS
- उत्तराखंड को अस्तित्व में आए 21 साल हो चुके हैं
- तीरख सिंह रावत प्रदेश के 11वें मुख्यमंत्री होंगे
- निवर्तमान सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने की घोषणा