Uttarakhand Bridge Collapse: अकसर हम बिहार से पुल टूटने की घटनाओं के बारे में सुनते और पढ़ते आए हैं. यहां अलग-अलग इलाकों से लगातार ऐसे में मामले दिखते रहे हैं, लेकिन इस बार उत्तराखंड के रुड़की से ऐसा ही एक मामला सामने आया है. यहां गंगनहर पर बन रहा लोहे का पुल अचानक से ढह गया और गंगनहर में समा गया. हालांकि, इस हादसे गनीमत ये रही कि कोई भी हताहत नहीं हुआ, लेकिन ये घटना एक नया सबब जरूर बन गई है.
जानकारी के मुताबिक पूरा मामला रुड़की के पीरबाबा कॉलोनी का है. यहां से रुड़की रेलवे स्टेशन को जोड़े जाने को लेकर बनाया जा रहा पुल गंगनहर में टूटकर गिर गया. दरअसल, रुड़की भाजपा विधायक प्रदीप बत्रा के प्रयासों के बाद गंगनहर किनारे बसी पीरबाबा कॉलोनी से रेलवे स्टेशन तक जाने के लिए एक पुल बनवाया जा रहा था. अगर ये पुल बन जाता तो इससे क्षेत्र के लोगों को बड़ी राहत मिल सकती थी, लेकिन इसी बीच गुरुवार को यह पुल निर्माण के दौरान धाराशायी गंगनहर में ढह गया.
लोक निर्माण विभाग पर थी जिम्मेदारी
जब यह पुल गिरा तो विपक्षी पार्टियों ने धामी सरकार को निशाने पर ले लिया. कांग्रेस नेताओं ने धामी सरकार और विधायक प्रदीप बत्रा पर कटाक्ष करते हुए भ्रष्टाचार की बात कही. इस पुल का शिलान्यास 2023 में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा किया गया था. लोक निर्माण विभाग को इस पुल को बनाने की जिम्मेदारी मिली थी. हाल ही में गंगनहर में पानी बंद किया गया तो पुल के निर्माण में तेजी आई. संबंधित ठेकेदार द्वारा पुल का स्ट्रक्चर तैयार कर नहर के ऊपर बांध दिया गया.
2012 में भी हुआ था हादसा
बताया गया कि 30 अक्टूबर की रात को नहर में पानी आने के साथ उक्त पुल पानी में जा गिरा. गनीमत यह रही कि इस हादसे में किसी जानमाल की हानि नहीं हुई, लेकिन हादसे ने 2012 के पुल हादसे को ताजा कर दिया. नगर निगम के सामने बनाए गए पुल का स्ट्रक्चर भी इसी प्रकार बह गया था, जिसमें चार मजदूर भी पुल के साथ पानी में बह गए थे. वहीं इस संबंध में लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता विपुल सैनी का कहना है कि पुल में कोई नुकसान नहीं हुआ है. एक तार खुलने के कारण पुल नीचे गिरा है. सामान सुरक्षित है.