सीमा पर गढ़वाल राइफल आईटीबीपी के जवानों के साथ साथ तीसरी कोई बटालियन तैनात रहती है तो वह है सीमा सड़क संगठन यानी कि बीआरओ. आज हम आपको एक ऐसी कहानी दिखाने जा रहे हैं जो कहानी आज तक किसी ने आपको नहीं दिखाई होगी. -30 से भी नीचे के तापमान में बीआरओ के जवान तैनात हैं. हम आपको बता रहे हैं कि यहां पर सड़क मार्ग को बनाने और खोलने का काम कैसे किया जाता है. भारत चीन सीमा की अनेक सीमाएं हैं. जिसमें चमोली जनपद से दो सीमाएं जुड़ती हैं. एक नीति पास और दूसरी माना पास.
नीति पास से भारत चीन सीमा की कई चौकियां है. जिसमें रिम खिम, अपर रिम खिम, नीति मलारी, सुलमा आदि चौकी क्षेत्र से जोड़ती हैं जो अत्यधिक ऊंचाई वाली चौकिया हैं. इन चौकियों की ऊंचाई 18,000 से 20,000 फीट तक है. यह चौकियां इन दिनों भारी बर्फबारी से ढकी हुई हैं. इन चौकियों पर पहुंचने वाली सड़क पर बर्फ की मोटी मोटी चादर जमी हुई है यहां पर पहुंचना बहुत कठिन हो गया है. सेना के जवान दिन रात यहां पर तैनात होकर देश की रक्षा कर रहे हैं.
इन चौकियों पर पहुंचने के लिए या तो हेलीकॉप्टर का सहारा लिया जाता है या सड़क मार्ग से यहां पहुंचा जाता है. लेकिन बर्फ बारी से सड़कों पर सफेद चादर दिख रही है. ऐसे में इन चौकियों में आवश्यक सामग्री पहुंचाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. लेकिन बीआरओ के द्वारा वर्तमान समय में बर्फ की मोटी मोटी परतों को काटकर सीमा पर सड़क खोलने का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है.
26 जनवरी को जहां देश 71 वां गणतंत्र दिवस मनाएगा तो वहीं इस बार बीआरओ ने यह निर्णय लिया है कि वे गणतंत्र दिवस के दिन झंडारोहण करने के बाद एक दूसरे को मिठाई बांटेंगे और उसके बाद जवान देश की सीमाओं को जोड़ने वाली सड़कों पर बर्फ हटाने का काम शुरू करेंगे. छुट्टी वाले दिन भी बीआरओ के जवान सड़क खोलने का काम जारी रखेंगे. सीमा तक पहुंचने में कोई परेशानी ना हो इसके लिए बीआरओ के सभी जवान सुबह से ही बर्फ हटाने का काम शुरू करेंगे. बीआरओ का टारगेट है कि 30 जनवरी तक बद्रीनाथ धाम से आगे माना चेक पोस्ट पर सड़क मार्गो को सुचारू करके वहां पर सेना के वाहनों की आवाजाही शुरू की जाए.
Source : News Nation Bureau