उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज (Satpal Maharaj) द्वारा क्वारंटाइन नियमों का पालन न करने पर नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है. हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा कि जब क्वारंटाइन नियमों का पालन न करने पर आम आदमी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा सकती है तो मंत्री को छूट क्यों दी गई. इस मामले में हाईकोर्ट में उमेश कुमार नाम के एक व्यक्ति ने सतपाल महाराज के खिलाफ याचिका दाखिल की थी, जिसकी पर कोर्ट ने जवाब मांगा है.
यह भी पढ़ें: प्रवासी मजदूरों के रोजगार और पुनर्वास के लिए क्या किया, 15 दिन में बताएं केंद्र-राज्य : सुप्रीम कोर्ट
बता दें कि कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, उनकी पूर्व कैबिनेट मंत्री पत्नी अमृता सहित कई परिजनों और स्टॉफ समेत 22 व्यक्तियों की रविवार 31 मई को आई जांच रिपोर्ट में उनके कोविड-19 से पीड़ित होने का पता चला था. इसके बाद महाराज समेत उनके परिवार के 7 सदस्यों को कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि के बाद एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया था. हालांकि सोमवार को महाराज के दोनों पुत्रों, दोनों पुत्रवधुओं और डेढ़ वर्षीय पौत्र को बीमारी के लक्षण नहीं पाए जाने के कारण घर पर पृथकवास के लिए डिस्चार्ज कर दिया गया.
यह भी पढ़ें: मोदी सरकार नहीं चाहती तब्लीगी मामले की CBI जांच हो, SC में हलफनामा दायर
महाराज, उनकी पत्नी और पूर्व कैबिनेट मंत्री अमृता अभी एम्स में ही भर्ती हैं. लेकिन सतपाल महाराज कोविड-19 से पीड़ित होने का पता चलने से दो दिन पहले मंत्रिमंडल की बैठक में शामिल हुए थे. उनके कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद मुख्यमंत्री समेत कैबिनेट के सदस्यों तक को सेल्फ क्वारंटाइन करना पड़ा है. सतपाल महाराज की इस लापरवाही के लिए विपक्ष के उन्हें निशाने पर ले लिया. सोशल मीडिया पर भी लोगों ने कैबिनेट मंत्री पर सवाल उठाए और उनके इस व्यवहार की निंदा की.
यह वीडियो देखें: