उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धसने की घटना से लोग दहशत में हैं. कई जगह लोगों के घर भी धंस गई हैं. जोशीमठ हिन्दुओं के पवित्र मंदिर बद्रीनाथ से करीब हैं. यह मामला उत्तराखंड सरकार के लिए भी चिंता का विषय बना हुआ हैं. सरकार इस मामले पर नजर बनाये हुए हैं. इस मामले का जायजा लेने सीएम पुष्कर सिंह धामी शनिवार को जोशीमठ पहुंचे और लोगों का हाल-चाल जाना. लोगों ने भी अपनी समस्या को रखा और सरकार से मदद की मांग की.
शनिवार को उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी जोशीमठ पहुंचे जहां वो होटल माउंट व्यू में रूके. इस दौरान लोगों से मुलाकात की और लोगों का हाल-चाल जाना. सीएम धामी ने बात करते हुए कई लोग भावुक भी हुए और उन्होंने सीएम से मदद की गुहार लगाई. लोगों से बात करते हुए सीएम धामी ने कहा सरकार मामले पर नजर बनाये हुए है और सरकार लोगों के हर मदद के लिए हर प्रयास करेगी. उन्होंने आगे कहा कि जोशीमठ एक पवित्र और पुराना शहर हैं, सरकार लोगों को विस्थापित करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था कर रही हैं.
यह भी पढ़े- a Passenger Urinating Case: आरोपी एस मिश्रा से पूछताछ जारी
सीएम ने हवाई सर्वे भी की. सीएम मामले पर एक हाई लेवल मीटिंग बुलाई जिसमें SDRF और उच्च अधिकारी शामिल हुए. मीटिंग के दौरान सीएम ने अधिकारियों से लोगों को सुरक्षित निकालने और लोगों को सही से विस्थापित करने के निर्देष दिए.
उत्तराखंड के भु-वैज्ञानिकों का कहना है कि लास्ट तीन दशकों से जोशीमठ में नियमों को ध्यान में न रख कर निर्माण कार्य तेजी से किया गया. जोशीमठ की मिट्टी मजबूत नहीं है इसके बावजूद निर्माण कार्य किया गया. वही इस मामले पर कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि जोशीमठ का खराब सीवर सिस्टम भी इसके लिए जिम्मेदार हैं. पानी के लगातार रिसाव से जमीन कमजोर हो गई है और अब यह धंसने लगा हैं.
जानकारी के मुताबिक जोशीमठ में हो रहे जमीन धंसने की समस्या से प्रभावित लोगों को निकालने का काम तेजी से किया जा रहा है. वही आपदा प्रबंधन सचिव के नेतृत्व में आठ सदस्यों की टीम दो दिन पहले ही जोशीमठ पहुंच चुकी हैं और हालात पर नजर बनाये है.
Source : News Nation Bureau