हाल ही में 5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार से कांग्रेस (Indisn National Congress) उबर नहीं पा रही है. हार के बाद अब नेताओं के बीज एक दूसरे को हार के लिए जिम्मेदार ठहराने का खेल शुरू हो गया है. उत्तराखंड (Utrakhand) में कांग्रेस की हार के लिए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Harish Rawat) विरोधियों के निशाने पर है. ऐसे में अपने विरोधियों पर पलटवार करते हुए कहा है कि जब मैं नेतृत्व की बात कहता था तो सभी लोग कहते थे सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ा जा रहा है. अब हार की सारी जिम्मेदारी सिर्फ मेरे सिर पर कैसे डाली जा रही है. अब सामूहिक नेतृत्व में बात क्यों नहीं होती है.
इन सबके बाद भी मंगलवार को रावत और उत्तराखंड कांग्रेस प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष ने अपने पद से इस्तीफे की पेशकश की है. उन्होंने कहा कि मैंने और प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने हार की जिम्मेदारी स्वीकार की है. इसके बावजूद लोगों की बयानबाजी जारी है. हरीश रावत ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की तारीफ करते हुए कहा कि मैं उनकी तारीफ करूंगा कि उन्होंने हार के साथ ही जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देने की बात कही थी, लेकिन मैंने उन्हें मना किया था कि आप आलाकमान से मुलाकात करिए. हरीश रावत ने कहा है कि प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल दिल्ली में मौजूद हैं.
रावट झेल रहे हैं टिकट बेचने का आरोप
हरीश रावत ने कहा कि मुझ पर टिकट बेचने का आरोप लगाया गया है. मैं बड़े-बड़े पदों पर रहा हूं, इसलिए मैंने कांग्रेस से कहा है कि अगर इन आरोपों में कुछ भी सच्चाई है तो आप मुझे पार्टी से ही निकाल दीजिए. हरीश रावत ने कहा कि जब होलिका का दहन हो रहा है तो इन लोगों के हिसाब से हरीश रावत का भी दहन हो जाना चाहिए.
विरोधियों पर बोला हमला
हरीश रावत ने कहा कि मैं तो चुनाव भी नहीं लड़ना चाहता था, लेकिन पार्टी ने और नेताओं ने भी उनसे कहा था कि आप को चुनाव लड़ना होगा, नहीं तो गलत संदेश जाएगा, इसके बाद मैं चुनाव लड़ने के लिए तैयार हुआ. हरीश रावत ने कहा है उत्तराखंड में कांग्रेस की हार के लिए वह सब से माफी मांग चुके हैं. लालकुआं के लोगों से भी माफी मांग चुके हैं, लेकिन अगर फिर भी किसी का दिल नहीं भरता है तो इस होली में आग में हरीश रावत की राजनीति को ही खत्म कर देना चाहिए.
पार्टी कहेगी तो मैं बाहर बैठ जाऊंगा
हरीश रावत ने कहा है कि अगर लोगों को यह लगता है कि उनके हटने से रास्ते साफ हो जाएंगे और स्थिति को बेहतर हो जाएंगी तो वे इसके लिए भी तैयार हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी बस एक बार कह दे कि वह बाहर बैठ जाएं, लेकिन उसके बाद यही लोग कहेंगे कि हरीश रावत भाग गया. उन्होंने कहा कि प्रदेश में इतनी बड़ी हार के बाद भी वह 5000 लोगों को फोन कर चुके हैं. प्रत्याशियों के घर जा चुके हैं. उन्होंने कहा कि इसके बाद भी कई प्रत्याशी उन पर गुस्सा निकाल रहे हैं. इस पर उन्होंने कहा कि ऐसा करने का उनका हक बनता है. हरीश रावत का कहना है अगर मेरी सक्रियता कांग्रेस के लिए नुकसानदायक है तो मैं कतई सक्रिय नहीं रहूंगा.
हरीश रावत ने कहा कि 2007 में बहुमत जुटा चुका था, लेकिन फिर पार्टी आलाकमान ने कहा कि हम हार चुके हैं. हम सरकार नहीं बनाएंगे और मैं पीछे हट गया.
हरीश रावत ने कांग्रेस के कुछ नेताओं की ओर इशारों-इशारों में आरोप लगाते हुए कहा है कि मुस्लिम यूनिवर्सिटी के लिए जो लोग सवाल उठा रहे हैं, जिस व्यक्ति ने यह बयान दिया, उसको हरिद्वार ग्रामीण में प्रभारी बनाकर किसने भेजा था, इसकी भी जांच होनी चाहिए.
HIGHLIGHTS
- विरोधियों के निशाने पर आए हरीश रावत
- रावत ने की पद से इस्तीफे की पेशकश
- बोले, नेतृत्व नहीं तो हार की जिम्मेदारी कैसी