क्या उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी को एक बार फिर मुख्यमंत्री बदलना पड़ेगा? कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री नवप्रभात ने ये मीडिया से बातचीत करते हुए इस बात का सवाल उठाया है. उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए बताया कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत विधानसभा में निर्वाचित नहीं हैं. किसी भी राज्य में मुख्यमंत्री का पद संभालने के छह महीने के भीतर ही उन्हें सदन की सदस्यता लेनी होती है. 10 मार्च 2021 को तीरथ सिंह रावत ने उत्तराखंड राज्य के 10वें मुख्यमंत्रीमुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की. राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने उन्हें सीएम पद की शपथ दिलाई थी.
आपको बता दें कि इससे पहले विधायक दल की बैठक में सभी विधायकों ने तीरथ सिंह रावत को सर्वसम्मति से अपना नेता चुना था. कांग्रेस नेता नवप्रभात ने टीएस रावत, जो मौजूदा समय विधायक नहीं हैं लेकिन मुख्यमंत्री हैं, उनको सीएम पद संभालने के 6 महीने के भीतर विधानसभा के लिए चुने जाने की जरूरत है हालांकि, जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 151ए कहती है कि विधानसभा चुनाव के लिए सिर्फ एक साल बचे तो उपचुनाव नहीं करवाए जा सकते हैं. इसलिए ऐसे में उत्तराखंड बीजेपी को एक बार फिर मुख्यमंत्री बदलना पड़ सकता है.
Uttarakhand CM TS Rawat, who is not an MLA, needs to be elected to Assembly within 6 months of assuming the post. However, section 151A of Representation of the People Act says that by-elections can't be held if only a year is left for Assembly polls: Congress leader Navprabhat pic.twitter.com/IliXTYyZMM
— ANI (@ANI) June 20, 2021
कांग्रेस नेता नवप्रभात ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम धारा 151ए के मुताबिक अगर राज्य सरकार को एक साल से कम समय के भीतर चुनाव करवाने हो तो ऐसे में उपचुनाव नहीं करवाए जा सकते हैं. ऐसी स्थिति में तीरथ सिंह रावत का नौ सितंबर के बाद मुख्यमंत्री पद पर बने रहना मुश्किल होगा. आपको बता दें कि पिछले दिनों उत्तराखंड में विधायकों का निधन हो गया था जिसके बाद विधानसभा की दो सीटें खाली चल रही हैं. वहीं उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी का कार्यकाल मार्च 2022 में खत्म हो रहा है ऐसे में नवप्रभात के मुताबिक बीजेपी को राज्य में एक बार फिर से सीएम का चेहरा बदलना ही पड़ेगा.
तीरथ सिंह रावत को 9 सितंबर तक उत्तराखंड विधानसभा की सदस्यता लेनी है. ऐसे में उन्हें जून में ही अपने चुनावी क्षेत्र का चयन करना होगा. आपको बता दें कि तीरथ सिंह रावत ने 10 मार्च को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. उत्तराखंड की सल्ट विधानसभा सीट के उपचुनाव का रिजल्ट आ चुका है तो ऐसे में ये जिज्ञासा और बढ़ती जा रही है कि अब सीएम तीरथ सिंह रावत के लिए सीट कौन देगा. चुनाव प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों की माने तो उपचुनाव में भी लगभग 3-4 महीने का समय लग ही जाता है. वहीं दूसरी ओर अगर सितंबर में उपचुनाव हुए तो इसके चार महीने बाद ही दिसंबर के अंत में या जनवरी शुरुआत में ही आचार संहिता लागू हो जाएगी.
Source : News Nation Bureau