देहरादून से बरामद हुए रेडियोएक्टिव डिवाइस मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. पुलिस के मुताबिक, उत्तराखंड की राजधानी के एक फ्लैट से मिला ये डिवाइस नकली हो सकता है. भाभा एटोमिक रिसर्च सेंटर की टीम ने भी डिवाइस की जांच की है, जिसके बाद सामने आई लैब रिपोर्ट में कई राज पर से पर्दाफाश हुआ है. पुलिस ने मामले में अबतक छह लोगों की गिरफ्तारी की है. जो असल डिवाइस की हूबहू कॉपी तैयार कर करोड़ों रुपये में बेचने की तैयारी कर रहे थे.
बता दें कि, राजपुर थाना पुलिस ने राजपुर रोड स्थित ब्रुक एंड वुड्स सोसाइटी में पूर्व आयकर अफसर श्वेताभ सुमन के किराये पर दिए गए फ्लैट में इस कार्रवाई को अंजाम दिया है.
आरोपियों का कबूलनामा
मालूम हो कि, पुलिस ने मामले में अबतक 6 लोगों की गिरफ्तारी की है, जिनकी पहचान सुमित पाठक, तबरेज आलम, सरवर हुसैन, जैद अली और अभिषेक जैन के तौर पर हुई है. इनमें तीन संदिग्ध उत्तर प्रदेश, दो मध्य प्रदेश और एक नई दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है.
पुलिस पूछताछ में गिरफ्तार आरोपी तबरेज आलम ने बताया कि यह डिवाइस उसने 10-11 महीने पहले सहारनपुर निवासी अपने परिचित राशिद उर्फ समीर से खरीदी थी. वहीं आरोपी राशिद का कहना है कि, ये मशीन पूर्व में गिरफ्तार तबरेज ने बनाई थी. लिहाजा जेल में बंद राशिद और तबरेज के बयान अलग-अलग कहानी बयां कर रहे हैं.
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पुलिस का अगला बड़ा एक्शन
क्योंकि मशीन पर आरोपियों के बयान एक दूसरे से मेल नहीं खा रहे, लिहाजा पुलिस अगले बड़े एक्शन की तैयारी में जुट गई है. एसओ राजपुर पीडी भट्ट ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि, अब पुलिस मामले में गिरफ्तार राशिद और तबरेज से आमने-सामने पूछताछ कर साक्ष्य जुटाने के लिए कोर्ट में तीन दिन की रिमांड लेने के लिए आवेदन करेगी. जिसके बाद मामले में कई बड़े खुलासे होने की उम्मीद है.
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Source : News Nation Bureau