Uniform civil code: जो भी लिव इन रिलेशनशिप में रहले वाले पार्टनर्स हैं जरा गौर से इस खबर को पढ़ लें, क्योंकि उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड के लागू होने का इंतजार खत्म हुआ. अब बहुत जल्द इसको लागू किया जाएगा. उत्तराखंड समान नागरिक संहिता प्रारूप समिति अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह ने सोमवार को कहा कि आज पांच सदस्यीय ड्राफ्ट कमेटी की अंतिम बैठक हुई. इसमें यूसीसी की ड्राफ्ट रिपोर्ट पर कमेटी ने अपनी अंतिम मुहर लगा दी है. यूसीसी ड्राफ्ट रिपोर्ट छापने के बाद समिति यह रिपोर्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपेगी.
500 पृष्टों की है रिपोर्ट
प्रदेश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के नियम तैयार करने वाली समिति की सिफारिशों में विवाह और लिव-इन पंजीकरण, वसीयत दस्तावेजीकरण और संशोधनों के लिए डिजिटल सुविधाएं शामिल हैं. गौरतलब है कि प्रदेश में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करने की चर्चाएं काफी दिनों से जारी हैं. यूसीसी की रूल्स एंड रेगुलेशन कमेटी के सदस्यों ने बताया कि समिति ने 500 पृष्ठों की एक रिपोर्ट तैयार की है, जो कि जल्द ही राज्य के हवाले की जाएगी.
समिति के प्रमुख एवं सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी शत्रुघ्न सिंह ने कहा कि उन्होंने सिफारिश की है कि विवाह पंजीकरण के लिए संबंधित प्राधिकारी उप-रजिस्ट्रार या ग्राम पंचायत विकास अधिकारी हो, जो गांवों में जन्म और मृत्यु पंजीकरण के लिए जिम्मेदार हो.
अब उम्मीद की जा रही है कि मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की घोषणा के अनुसार आगामी 9 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस के दिन राज्य सरकार समान नागरिक संहिता कानून उत्तराखंड 2024 को लागू कर सकती है.
लिव-इन रिलेशनशिप का पंजीकरण होगा डिजिटल
सिंह ने कहा कि उनकी मुख्य सिफारिशों में से एक यह है कि लोगों को अपनी शादी और लिव-इन रिलेशनशिप का पंजीकरण, अन्य चीजों के अलावा, डिजिटल रूप से करवाने की अनुमति दी जाए. उन्होंने कहा कि जो लोग डिजिटल रूप से बहुत साक्षर नहीं हैं, उनके लिए हमने कॉमन सर्विस सेंटर की मदद लेने का प्रस्ताव दिया है. हमने केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर सीएससी प्रतिनिधियों से बात की है. उन्होंने कहा कि अधिकारी डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक सुरक्षित होस्ट की तलाश कर रहे हैं.
बता दें, उत्तराखंड विधानसभा ने इस साल फरवरी में यूसीसी विधेयक पारित किया था. जिसमें विवाह, तलाक, उत्तराधिकार और लिव-इन रिलेशनशिप से जुड़े कानून शामिल हैं. इसके बाद यूसीसी के प्रावधानों को कैसे लागू किया जाएगा, यह तय करने के लिए नियम बनाने और क्रियान्वयन समिति का गठन किया गया. सिंह की अध्यक्षता वाली समिति में अन्य लोगों के अलावा उत्तराखंड पुलिस के एडीजी (प्रशासन) अमित सिन्हा और उत्तराखंड के रेजिडेंट कमिश्नर अजय मिश्रा शामिल हैं.