13 हजार फीट की ऊंचाई पर बसे शिव मंदिर तुंगनाथ में इन दिनों भक्तों की भारी भीड़ है. तुंगनाथ भगवान को उत्तराखंड डमें तृतीय केदार के रूप में पूजा-जाता है. यहां पर भगवान शिव की भुजाओं की पूजा होती है. प्रत्येक वर्ष तुंगनाथ में लाखों यात्री पहुंचते हैं. तुंगनाथ एक धार्मिक स्थल होने के साथ ही खूबसूरत पर्यटक स्थल है. यही कारण है कि केदारनाथ धाम के भक्त सबसे अधिक इसी केदार के दर्शनों के लिये जाते हैं.
तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ मिनी स्विटजरलैंड के रूप में विख्यात पर्यटक स्थल चोपता से ठीक साढ़े तीन किमी की ऊंचाई पर स्थित है. कहा जाता है कि यह शिव मंदिर सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित है.
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यहां का मौसम हर पल बदलता रहता है. गर्मियों में छह माह कपाट खुलने के बाद लाखों की संख्या में भक्त यहां दर्शन के लिये पहुंचते हैं. जबकि सर्दियों में कपाट बंद होने के बाद भी यहां भक्तों के अलावा पर्यटकों की आवाजाही होती रहती है. सर्दियों में अधिकांश भक्त यहां बर्फबारी का आनंद लेने के लिये पहुंचते हैं. तुंगनाथ धाम में भगवान शिव की भुजाओं की पूजा होती है और तुंगनाथ उत्तराखंड के पंचकेदारों में से एक केदार है. यह मंदिर भी बद्री-केदार मंदिर समिति के अधीन आता है, लेकिन यहां पर मंदिर समिति की ओर से पुजारी की नियुक्ति नहीं की जाती है. यहां के पुजारी स्थानीय हक-हकूकधारी ही होते हैं. 13 हजार फीट की अत्यधिक ऊंचाई पर स्थित होने के कारण यहां का मौसम हर पल बदलता रहता है. यहां कभी बारिश तो कभी धूप और जून जुलाई जैसे गर्म महीनों में भी बर्फबारी होती है. तुंगनाथ पहुंचे भक्त बता रहे हैं कि वह यहां आकर अपने को धन्य महसूस कर रहे हैं.