उत्तराखंड के धारचूला में भूस्खलन के चलते मलबा आने से भारत-चीन बॉर्डर पूरी तरह से बंद है ,ऐसे में सेना की आवाजाही भी पूरी तरह बंद है. कुमाऊं रेजीमेंट की कुमाऊं स्कॉउट के कमांडिंग अफसर कर्नल अजय पाल सिंह की देखरेख में सड़क खोलने का काम भी लगातार चल रहा है. हल्की बारिश होने के चलते सड़क खोलने के काम में मुश्किलें भी बहुत आ रही है. भारत-चीन बॉर्डर होने के चलते इस सड़क पर सेना और आईटीबीपी की आवाजाही लगातार होती रहती है, हालांकि सेना और आईटीबीपी का पर्याप्त मात्रा में सामान खाद्य रसद बॉर्डर पर होती है लेकिन इस सड़क के न होने से रोजाना की आवाजाही में बड़ी दिक्कतें हो रही है, इसलिए सड़क खोलना सेना का प्रमुख लक्ष्य है.
आपदा प्रबंधन के कर्मचारी मनोज की भूमिका रही महत्वपूर्ण
शुक्रवार को आए भूस्खलन में आपदा प्रबंधन के कर्मचारी मनोज की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है, जिसने सबसे पहले नाले में पानी भरते ही इसकी सूचना प्रशासन को दी. इसके बाद प्रशासन ने पूरा धारचूला बाजार खाली कराया. अगर ऐसा नहीं होता तो शायद बड़ा हादसा हो सकता था.
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सैकड़ों गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से कटा
बॉर्डर सड़क बंद होने से सैकड़ों गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से पूरी तरह कट चुका है. ऐसे में गांव के बुजुर्ग और बीमार लोगों को धारचूला तक लाने बड़ी मुश्किल हो रही है. स्थानीय व्यक्तियों का कहना है कि जिस तरह से भूस्खलन हुआ है और सड़क बंद हुई है, उससे गांव का संपर्क पूरी तरह कट चुका है.
HIGHLIGHTS
- भारत-चीन सीमा सड़क बंद होने से मुश्किलें
- सेना के अलावा आम लोगों को भी परेशानी
- बहुत सारे गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क कटा