राजधानी देहरादून के राजपुर थाना क्षेत्र में वन विभाग की जमीन पर अवैध कब्जे का मामला एक बार फिर गरमा गया है. पिछले हफ्ते देहरादून पुलिस ने पूर्व डीजीपी बीएस सिद्धू समेत 7 अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. बीएस सिद्धू ने पहली बार मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि पहले से यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है ऐसे में शासन को गुमराह कर एक केस में दोबारा मुकदमा दर्ज कराया गया है. 10 साल से यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है. उनका कहना है कि उन्होंने मामले में शासन को एक पत्र लिखा है और स्थिति से अवगत कराया है.
आपको बता दें कि मसूरी प्रभागीय वन अधिकारी आशुतोष सिंह की तहरीर पर बीएस सिद्धू के खिलाफ थाना राजपुर में एफआईआर दर्ज कराई गई है. थाना राजपुर क्षेत्र के वीरगिरी वाली में अवैध तरीके से पेड़ काटने और जमीन कब्जाने का मामला विचाराधीन है. फिलहाल पूर्व डीजीपी बीएस सिद्धू का कहना है कि कोई शासन को गुमराह करके उनके खिलाफ साजिश रच रहा है.
देहरादून के राजपुर थाने में पूर्व डीजीपी बीएस सिद्धू के खिलाफ वन भूमि कब्जाने का मुकदमा दर्ज किया गया है. ऐसे में साल 2012 से इस मामले में मुकदमा दर्ज करने की मांग कर रहे रविंद्र जुगरान ने देहरादून प्रेस क्लब में पीसी कर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को धन्यवाद दिया है. मामले को लेकर अदालत तक जाने वाले रविंद्र जुगरान का कहना है कि दस साल से मामला इस जांच से उस जांच के बीच घूम रहा था. लेकिन पुष्कर सिंह धामी ने पूर्व डीजीपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए हैं. दूसरी तरफ तत्कालीन आईओ निर्विकार सिंह का कहना है कि उन्होंने मामले की परत दर परत खोलनी शुरू की थी. इसके बाद उनके खिलाफ भी अंदरखाने कार्यवाही की गई. अब उम्मीद जगी है की असल दोषी शिकंजे में जरूर फसेंगे.
Source : IANS