उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भारतीय राजनीति में एक जाना-माना नाम हैं. वह उत्तराखंड राज्य के सातवें मुख्यमंत्री रहे. उनके कार्यकाल में बाधाएं आती रहीं. वह तीन बार मुख्यमंत्री बने हैं लेकिन कभी भी पूरे पांच साल के लिए नहीं. वह सबसे पहले 1 एक फरवरी 2014 को उत्तराखंड की सीएम बने लेकिन 27 मार्च 2016 को राष्ट्रपति शासन लग गया. इसके बाद 21 अप्रैल 2016 को दोबारा सीएम बने लेकिन एक दिन बाद फिर से राष्ट्रपति शासन लागू हो गया. इसके बाद 11 मई 2016 को फिर से उन्हें सीएम की कुर्सी मिली और 18 मार्च 2017 तक वह सीएम रहे.
केंद्रीय मंत्री भी रहे
हालांकि इससे पहले वह यूपीए के शासन में केंद्रीय मंत्री भी रहे. 30 अक्टूबर 2012 से 31 जनवरी 2014 तक जल संसाधन मंत्री रहे. साल 2011-12 तक वह संसदीय मामलों के मंत्रालय, कृषि मंत्रालय और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय राज्यमंत्री रहे. साल 2009 से 2011 तक रोजगार मंत्रालय में भी राज्यमंत्री रहे. हालांकि हरीश रावत सबसे पहले 1980 में अल्मोड़ा से सांसद बने लेकिन उनका राजनीतिक सफर बहुत पहले ही शुरू हो गया था.
दरअसल, हरीश रावत ने ब्लॉक स्तर से राजनीति की शुरुआत की थी. पहले वह ब्लॉक प्रमुख बने और बाद में जिला अध्यक्ष. इसके बाद वह कांग्रेस से जुड़ गए. वह जिला कांग्रेस अध्यक्ष भी रहे. 1980 में सातवीं लोकसभा में सांसद बनने के साथ ही केंद्रीय राजनीति में उनकी शुरुआत हुई. 8वीं और 9वीं लोकसभा में भी वह यहीं से सांसद रहे.
2009 के लोकसभा चुनाव में अल्मोड़ा से आरक्षित सीट घोषित होने के बाद हरिद्वार से चुनाव लड़ा और 3.3 लाख मतों से चुनाव जीता. लोकसभा के अलावा हरीश रावत साल 2002 से 2008 तक राज्यसभा से भी सांसद रहे.
पारिवारिक पृष्ठभूमि
हरीश रावत का जन्म 27 अप्रैल 1948 को एक कुमाउनी राजपूत परिवार में राजेंद्र सिंह रावत और देवकी देवी के यहां हुआ था. उनका जन्मस्थान अल्मोड़ा जिले के चौनलिया के पास मोहनारी गांव है. अल्मोड़ा में स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद वह स्नातक और परस्नातक की पढ़ाई करने लखनऊ विश्वविद्यालय चले गए और 5 साल का बीएएलएलबी किया.
बचपन से राजनीति में रुचि
हरीश रावत की बचपन से ही राजनीति में रुचि थी. वह कई वर्ष तक व्यापारी संघ के नेता भी रहे और भारतीय युवा कांग्रेस के सदस्य के रूप में भी कई साल कार्य किया.
HIGHLIGHTS
- भारतीय राजनीति का जाना-पहचाना नाम हैं हरीश रावत
- सीएम के अलावा केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं यूपीए सरकार में
- बचपन से ही थी राजनीति में रुचि, व्यापारी नेता भी रहे