भारी बर्फबारी के बीच सिखों के प्रसिद्ध तीर्थ हेमकुंड साहिब के कपाट खोल दिए गए हैं. बर्फबारी के कारण कपाट आधा घंटा देर से खुले. लेकिन हेमकुंड साहिब के पास अलकाकोडी से लगभग 3 किलोमीटर पैदल मार्ग अभी भी भारी बर्फबारी से खतरनाक बना हुआ है. इस मार्ग पर हेमकुंड जाने वाले तीर्थयात्री हर दिन फिसल रहे हैं. तीर्थयात्रियों से गुरुद्वारा ट्रस्ट हेमकुंड साहिब ने अपील की है कि हेमकुंड जाने वाले तीर्थयात्री 15 जून के बाद ही हेमकुंड साहिब की यात्रा पर निकलें, क्योंकि रास्ता इतना खतरनाक है कि बुजुर्ग बच्चे महिलाएं इस मार्ग से नहीं गुजर सकते हैं.
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मार्ग पर 6 से 7 फीट बड़े-बड़े ग्लेशियर अभी भी मौजूद हैं. ग्लेशियरों को काटकर पगडंडी बनाई गई हैं, जिससे तीर्थयात्री आवागमन कर रहे हैं. खतरनाक रास्ता होने के कारण ट्रस्ट को भी तीर्थ यात्रियों की चिंता सता रही है. ट्रस्ट ने हेमकुंड आने वाले तीर्थ यात्रियों से अपील की है कि वे 15 जून के बाद ही यात्रा पर निकले क्योंकि तब तक बर्फ थोड़ी कम हो जाएगी और यात्रा और शुभम बन जाएगी.
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इस बार हेमकुंड साहिब में 15 फीट बर्फ जमी हुई है. सरोवर जम चुका है. गुरुद्वारा का भवन भी पूरी बर्फ की आगोश में है. गुरुद्वारे में लगने वाले लंगर का भवन बर्फ से ढके हुए हैं. कमरों में जाने के लिए बर्फ की सुरंग बनाई गई हैं. जिनसे सेवादार आवागमन कर रहे हैं.
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वहीं प्रशासन में हेमकुंड साहिब पर व्यवस्थाएं ठीक करने का दावा किया है. लेकिन अब देखना यह होगा कि कब तक हम कुंड साहिब में व्यवस्थाएं ठीक हो पाती हैं. हालांकि मौके पर एसडीआरएफ की टीम लगाई गई है, लेकिन पारी से गिर रहे ग्लेशियर से खतरा बना हुआ है.
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