देहारादून में पिछले 37 सालों से देहरादून में गोल्ड कप क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन किया जा रहा है. इस टूर्नामेंट की खास बात यह है कि जिस उभरते हुए क्रिकेट खिलाड़ी ने यह क्रिकेट खेला उसका सलेक्शन इंडियन क्रिकेट टीम में हुआ. शायद आपको यकीन न हो, लेकिन आंकड़े तो यही बता रहे हैं. भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी जब झारखंड की ओर से क्रिकेट खेलने गोल्ड कप में पहुंचे तो धोनी ने देहरादून के रेंजर्स क्रिकेट ग्राउंड से 1 छक्का मारा जो फॉरेस्ट के रेंजर ऑफिस तक जा पहुंचा. यह अब तक का सबसे लंबा छक्का है. इस रिकॉर्ड को अब तक किसी खिलाड़ी ने नहीं तोड़ पाया है.
यह भी पढ़ें - 19 साल का इंतजार खत्म, बीसीसीआई ने उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन को मान्यता दी
महेंद्र सिंह धोनी ही नहीं बल्कि वीरेंद्र सहवाग, पीयूष चावला, अमित मिश्रा, गौतम गंभीर, सुरेश रैना, आरपी सिंह, भुवनेश्वर कुमार, कुलदीप यादव, ऋषभ पंत और न जाने कितने खिलाड़ियों की फेहरिस्त है. जिन्होंने देहरादून में गोल्ड कप क्रिकेट टूर्नामेंट खेला और उसके बाद वह भारतीय टीम का हिस्सा बन गए. यह कहानी हम आपको इसलिए बता रहे हैं क्योंकि उत्तराखंड में अब बीसीसीआई के सभी फॉर्मेट के क्रिकेट टूर्नामेंट होंगे. क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड को बीसीसीआई ने पूर्ण कालीन सदस्य की मान्यता दे दी है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर गठित प्रशासकों की टीम ने उत्तराखंड को भी अब मान्यता दे दी है.
यह भी पढ़ें - राजस्थान के राजघराने ने खुद को बताया भगवान राम का वंशज, सबूत दिखाने का किया दावा
इस मान्यता के मायने पहाड़ के लिए बहुत ज्यादा है. अब पहाड़ के बच्चों को दूसरे राज्यों से नहीं खेलना पड़ेगा. क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के सचिव पीसी वर्मा और उनके दोस्तों ने 37 साल पहले जिस गोल्ड कप की शुरुआत की थी. आज उसी गोल्ड कप के परफॉर्मेंस को आधार मानते हुए बीसीसीआई ने मान्यता प्रदान की है. पीसी वर्मा से जब पूछा कि आखिर कभी उन्होंने सोचा था कि उनके स्टेट की भी अपनी एक एसोसिएशन होगी. जहां से वह नए और यंग टैलेंट को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने में मदद करेंगे.
यह भी पढ़ें - ऑटो इंडस्ट्री में हाहाकार, डेढ़ साल में 286 शोरूम बंद, 2 लाख नौकरियां गईं, जानें क्या है मंदी की वजह
नम आंखों और भरे हुए गले से पीसी वर्मा ने कहा कि हर बच्चे के टैलेंट को आगे लाना हमारा काम है. हम अपनी एसोसिएशन के जरिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहाड़ के बच्चों को पहुंचाएंगे. गोल्ड कप के शुरुआती दौर में लोगों से ₹1 से लेकर ₹20 तक का चंदा लेकर टूर्नामेंट की शुरुआत हुई. कोई साथी पेंट और माइक की व्यवस्था कर देता था तो किसी से खिलाड़ियों को होटल में ठहराने और खाने की व्यवस्था में सहयोग करने के लिए कहते थे. लेकिन एक जुनून और लगन का परिणाम है कि आज उत्तराखंड को मान्यता बीसीसीआई ने दे दी है. क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड को बीसीसीआई की मान्यता मिलने से अब क्रिकेट के सभी फॉर्मेट के मैच उत्तराखंड में होंगे और पहाड़ के खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा.