आम आदमी पार्टी के प्रदेश संगठन समन्वय जोत सिंह बिष्ट ने एक बयान जारी करते हुए सहकारिता समिति में देहरादून में 30 लाख से अधिक के हुए घोटाले को गंभीर बताते हुए सरकार की कड़ी आलोचना की है. उन्होंने ने कहा कि बहुदेशीय सहकारी समिति भानियावाला में ₹30 लाख से अधिक के गबन का मामला सामने आया है, जो बहुत ही गंभीर मामला है और इसमें अधिकारियों की संलिप्तता सामने आई है जिसकी पुष्टि खुद अधिकारियों द्वारा की गई है.
उन्होंने आगे कहा कि इससे पहले भी भर्ती घोटाले को लेकर सहकारिता समिति पर कई अनियमितताओं के आरोप लग चुके हैं, जिसकी अब एसआईटी जांच के आदेश संबंधित मंत्री द्वारा दे दिए गए हैं, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर घोटालेबाजों पर सरकार द्वारा कार्यवाही क्यों नहीं की जाती.
उन्होंने आगे कहा कि भानियावाला में हुए घोटाले में अब तक 16 से 17 खातों की जांच हो चुकी है और अभी 600 और खाते हैं जिनकी जांच होना बाकी है. विभागीय कार्यवाही में पाया गया कि जो किसान ₹1 लाख का ऋण ले चुके हैं ,उनके ऋण को कर्मचारियों की मिलीभगत से 2 लाख बताया जाता है और लगातार खातों में गड़बड़ी की जा रही थी.
उन्होंने कहा कि अभी और भी कई ऐसे घोटाले सहकारिता विभाग में हो सकते हैं जो अभी सामने नहीं आए हैं और लगता है कि सरकार का सहकारिता विभाग पर किसी तरह का कोई नियंत्रण नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि अगर सरकार वाकई में इस पूरे मामले को लेकर गंभीर है तो पहले दोषियों को निलंबित किया जाना चाहिए और जांच होने के बाद अगर वह दोषी पाए जाते हैं तो उन पर सरकार द्वारा कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए.
उन्होंने कहा कि अगर सरकार इन पर कार्रवाई नहीं करती तो यह समझा जायेगा कि सरकार इन भ्रष्टाचारियों को अपना संरक्षण दे रही है और आम आदमी पार्टी इसकी कड़ी निंदा करती हैं. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आम आदमी पार्टी की लड़ाई लगातार जारी रहेगी और सरकार को नींद से जगाने का काम भी आम आदमी पार्टी लगातार करती रहेगी. अगर सरकार फिर भी नहीं जागी, तो आम आदमी पार्टी सड़कों पर उतर कर उग्र प्रदर्शन करेगी.
Source : News Nation Bureau