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UKSSC भर्ती स्केम में सरकार की जांच से हाईकोर्ट संतुष्ट, सीबीआई जांच नहीं

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने माना कि जब राज्य सरकार ने भर्ती घोटाले मामले में एक के बाद एक गिरफ्तारियां की हैं और मामले की जांच चल रही है तो ऐसे में सीबीआई जांच का कोई औचित्य नहीं है. लिहाजा कोर्ट में कापड़ी की याचिका को ठुकरा दिया. इस मामले में कोर्ट ने 12 अक्टूबर को सुनवाई के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया था. कोर्ट के आदेश से सरकार को बड़ी राहत मिली जबकि विपक्ष को राजनीतिक माइलेज लेने के मंसूबों पर पानी फिर गया है.

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IANS
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Nainital High court

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

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नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड में हुए यूकेएसएसएससी भर्ती घोटाले को लेकर विधायक और कांग्रेस नेता भुवन कापड़ी की सीबीआई जांच की मांग की याचिका को खारिज कर दिया. हाईकोर्ट के न्यायधीश संजय मिश्रा की खंडपीठ में इस मामले की सुनवाई हुई.

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने माना कि जब राज्य सरकार ने भर्ती घोटाले मामले में एक के बाद एक गिरफ्तारियां की हैं और मामले की जांच चल रही है तो ऐसे में सीबीआई जांच का कोई औचित्य नहीं है. लिहाजा कोर्ट में कापड़ी की याचिका को ठुकरा दिया. इस मामले में कोर्ट ने 12 अक्टूबर को सुनवाई के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया था. कोर्ट के आदेश से सरकार को बड़ी राहत मिली जबकि विपक्ष को राजनीतिक माइलेज लेने के मंसूबों पर पानी फिर गया है.

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अमित कापडी ने कोर्ट को अवगत कराया था कि उनके संशोधित प्रार्थना पत्र कोर्ट में पेश करने के बाद एसटीएफ ने आयोग के पूर्व चेयरमैन डॉ आरबीएस रावत को गिरफ्तार किया. अभी भी सरकार बड़े लोगो को बचा रही है. ऐसे ही नकल करने से सम्बंधित मामले में 2020 में मंगलोर व पौड़ी में दो एफआईआर दर्ज हुई थी परन्तु उन पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. विधायक कापड़ी ने मुकदमा दर्ज होने से पहले विधानसभा में इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की थी. सरकार ने जांच एसटीएफ को दे दी.

सरकार का पक्ष रखते हुए महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर व जी ए गजेंद्र सिंह संधू ने कहा था कि इस मामले में 80 प्रतिशत जांच पूरी हो चुकी है. 46 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. 28 से 30 के खिलाफ चार्जशीट भी दायर हो चुकी है. एसटीएफ की जांच में संदेह नहीं है.

खटीमा विधायक व उपनेता प्रतिपक्ष भुवन याचिका दायर कर कहा है कि यूकेएसएसएससी परीक्षा में गड़बड़ी की जांच एसटीएफ सही तरीके से नहीं कर रही है. अभी तक जो गिरफ्तारियां हुई हैं, छोटे छोटे लोगो की हुई है, जबकि इतिहास रचने वाले बड़े लोगों की अभी तक एक की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है. इसमे उत्तरप्रदेश व उत्तराखंड के कई बड़े बड़े अधिकारी व नेता शामिल है. सरकार उनको बचा रही है, इसलिए इस मामले की जांच एसटीएफ से हटाकर सीबीआई से कराई जाए. 2021 में यह परीक्षा हुई थी. 22 जुलाई 2022 को अनुसचिव राजन नैथानी ने रायपुर थाने में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया. एफआईआर में कहा गया है कि व्हाट्सअप मैसेज से अभ्यर्थियों को प्रशन हल कराए गए. एसटीएफ ने शुरू में संदिग्ध 17 लोगों के फोन लोकेशन व सीडीआर के माध्यम से जांच की शुरूआत की.

Source : IANS

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