उत्तराखंड के पूर्व पुलिस महानिदेशक की गिरफ्तारी पर उत्तराखंड हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. हाईकोर्ट ने उन्हें खुद जांच में सहयोग करने के लिए कहा है. हाईकोर्ट ने सरकार से एक ही आरोप में पूर्व डीजीपी बी.एस. सिद्धू पर दो बार केस दर्ज किए जाने को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है. वरिष्ठ न्यायाधीश संजय मिश्रा की एकलपीठ के समक्ष मामले की हुई सुनवाई. अब इस मामले की अगली सुनवाई 16 नवंबर को होगी.
पुलिस में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, सिद्धू ने 2012 में अपर पुलिस महानिदेशक पद पर रहते हुए मसूरी वन प्रभाग में पुरानी मसूरी रोड स्थित वीरगवाली गांव में 0.7450 हेक्टेयर आरक्षित वन भूमि कथित रूप से फजीर्वाड़ा कर खरीदी. आरोप है कि उस जमीन पर लगे साल के 25 वृक्षों को भी उन्होंने अवैध तरीके से कटवा दिया था.
पूर्व डीजीपी बीएस सिद्धू पर सरकारी जमीन पर कब्जा करने और पेड़ काटने के आरोप में पहले से केस दर्ज पूर्व डीजीपी बीएस सिद्दधू की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि इस सरकारी जमीन पर कब्जे व पेड़ काटने के आरोप में एक बार पहले उन पर 2013 में भी केस दर्ज हुआ था. उन्होंने कहा कि नियमानुसार एक आरोप में दो बार केस दर्ज नहीं हो सकता.
Source : IANS