उत्तराखंड का इलाका चकराता देह व्यापार का गढ़ बनता जा रहा है. पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि विकासनगर और हरबर्टपुर तेजी से देह व्यापार बढ़ रहा है. यहां मानव तस्कर (Human Traficking) गैंग के लोग नौकरी के नाम पर लड़कियों को झांसा देकर अपने चंगुल में फंसाते हैं. इसके बाद उत्तराखंड से बाहर ले जाकर दूसरे शहरों में उन्हें देह के धंधे में धकेल दिया जाता है.
पिछले तीन महीने के पुलिस जांच में पता चला है कि दिल्ली, पश्चिम बंगाल, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से महिलाएं विकासनगर और हरबर्टपुर के प्रमुख होटलों में सप्लाई के लिए लाई जाती हैं. इसके अलावा इस नेटवर्क में शामिल बिचौलिए पास के कस्बों के अशिक्षित परिवारों को अपना शिकार बनाते हैं. ये लोग इनकी बेटियों को नौकरी का लालच देकर देह व्यापार में धकेल देते हैं.
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मंगलवार को उत्तराखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (यूएससीपीसीआर) की अध्यक्ष ने राज्य के डीजीपी अनिल रतूड़ी को इस मामले में एक्शन लेने और महीने भर के अंदर रिपोर्ट जमा करने को कहा है. यह मामला पहली बार तब चर्चा में आया जब सात महीने पहले विकास नगर की रहने वाली रानी लेखी (बदला हुआ नाम) ने अपने क्षेत्र में चल रहे देह व्यापार की शिकायत राष्ट्रीय महिला आयोग में की थी.
लेखी का आरोप था कि महिलाएं नौकरी का झांसा देकर पहाड़ों से लाई जाती हैं और बाद में इन छोटे कस्बों के होटलों में चल रहे देह व्यापार में झोंक दी जाती हैं. यह शिकायत राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को फॉरवर्ड कर दी गई, जिसने राज्य आयोग को इस मामले में देखने को कहा. 13 मई को राज्य आयोग ने पुलिस को इस प्रकरण की जांच करने को कहा.
उत्तराखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की चेयरपर्सन ऊषा नेगी ने इस मामले में बताया कि इन चकराता का क्षेत्र सिर्फ खेती पर निर्भर है. यहां बहुत अधिक अवसर नहीं हैं. इसलिए जीवन में आगे बढ़ने की चाह रखने वाले आसानी से शोषण का शिकार हो जाते हैं. हमें इस क्षेत्र के युवाओं के हुनर का विकास करने की जरूरत है.