उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में डेंगू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. हालात इतने खराब हो चुके हैं कि राजधानी के 3 सरकारी अस्पताल जिनमें दून मेडिकल कॉलेज, कोरनेशन जिला अस्पताल और गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय में अब तक डेंगू पीड़ितों की संख्या 1600 से पार हो चुकी है. सरकारी और निजी अस्पतालों में डेंगू के उपचार के दौरान मौत के मामले 11 हो चुके हैं. सबसे बेहद चौंकाने वाली बात तो यह है कि उत्तराखंड सचिवालय में तैनात PAC 31वीं वाहिनी के 22 जवान भी इन दिनों डेंगू की चपेट में है.
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31वीं वाहिनी पीएसी को हाल में ही सचिवालय में तैनात किया गया था. लेकिन बीते 5 दिनों के भीतर ही 22 जवान डेंगू की चपेट में आ गए हैं. जिससे पता चलता है कि हालात कितने खराब है. सचिवालय स्थित पीएसी जवानों की बैरिक के हालात भी अच्छे नहीं हैं. पीने के साफ पानी की व्यवस्था तो बहुत दूर की बात जवानों के बैरिक में विश्राम के लिए भी अच्छी सुविधाएं नहीं है. बारिश के दौरान टेंट में रहने वाले जवानों के हालात और बद से बदतर है. हालांकि बीमार जवानों के स्वास्थ्य में पहले से सुधार है लेकिन इतनी बड़ी संख्या में जवानों के डेंगू पीड़ित होने से पीएसी के बाकी जवानों के स्वास्थ्य खराब होने का खतरा भी बरकरार है.
स्वास्थ्य महकमा भले ही डेंगू से नहीं घबराने की बात कर रहा है, लेकिन हकीकत यह है की राजधानी देहरादून में डेंगू महामारी की तरह फैल रहा है. नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग को जो तैयारियां पिछले 3 महीनों में करनी चाहिए थी, उन्हें अब किया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग को वक्त रहते अभी भी सुविधाओं को दुरुस्त करने की जरूरत है, क्योंकि डेंगू का सीजन खत्म होते ही सर्दियों के साथ स्वाइन फ्लू का सीजन भी शुरू हो जाएगा. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग को अभी से आने वाली बीमारियों को लेकर इंतजाम करने होंगे.
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उधर, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने डेंगू और आपदा को लेकर शासन में उच्चाधिकारियों की बैठक बुलाई. डेंगू के बढ़ते मामलों को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शासन और स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट ली साथ ही प्रदेश के सभी जिलों में डेंगू के ताजा हालात की जानकारी ली. इस दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि डेंगू के मामलों को लेकर कोई कोताही न बरती जाए. जिन क्षेत्रों में डेंगू मच्छर के लारवा पाए जा रहे हैं वहां केमिकल का छिड़काव करके और फागिंग की जाए.
देश में लगातार हो रही बारिश से पहाड़ों में काफी नुकसान हो रहा है और ऐसे में मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों की बैठक ली इस दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिले मैं जहां जहां नुकसान हुआ है अधिकारी उसकी विस्तृत रिपोर्ट शासन को भेजे मुआवजा देने के मामले में कोई कोताही न बरती जाए साथ ही जिन क्षेत्रों में सड़कों की हालत खराब है उनकी डिटेल रिपोर्ट शासन को भेजी जाए.
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