टिहरी बांध निर्माण के कारण अलग-थलग पड़ गए टिहरी जिले के प्रतापनगर क्षेत्र के लिए बहुप्रतीक्षित झूला पुल डोबरा-चांठी का रविवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लोकार्पण किया . लगभग तीन अरब रुपये की लागत से टिहरी बांध की झील पर बना 725 मीटर लंबा झूला पुल देश का सबसे लंबा भारी वाहन झूला पुल है . पुल का लोकार्पण करते हुए मुख्यमंत्री रावत ने इसे प्रतापनगर की जनता के लिए राज्य स्थापना दिवस और दीपावली का सबसे बड़ा तोहफा बताया और कहा कि इससे टिहरी तथा उत्तराखंड के लिए विकास का बड़ा द्वार खुल गया है. रावत ने कहा कि टिहरी बांध के कारण प्रतापनगर के लोगों ने बहुत समस्याएं झेली हैं और 14 साल से वे पुल निर्माण की बाट जोह रहे थे .
उन्होंने कहा कि टिहरी बांध से उत्पन्न बिजली और पानी से उत्तर प्रदेश और दिल्ली समेत देश के कई राज्यों को लाभ मिल रहा है लेकिन यह बांध प्रतापनगर के लिए अभिशाप माना जा रहा था. मुख्यमंत्री ने पुल निर्माण में देरी के लिए जनता से माफी भी मांगी और कहा कि भाजपा सरकार ने उनके दुखों को समझते हुए पुल निर्माण पूरा कराया. रावत ने कहा कि उन्होंने टिहरी बांध की झील बनते समय गांवों को डूबते देखा है. कंडल गांव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि किस तरह से गांव के लोग अपने मकान, परिसंपत्तियां और खेती को डूबता देख रहे थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि डोबरा पुल और 42 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली टिहरी झील पर्यटन का बड़ा केंद्र बनेंगे तथा भविष्य में लाखों लोगों को रोजगार देंगे .
रावत ने कहा कि उन्होंने फिल्म उद्योग को उत्तराखंड में आने का न्योता दिया है और 'बत्ती गुल मीटर चालू' फिल्म से टिहरी का सुंदर फिल्मांकन देश-दुनिया ने देखा है. उन्होंने कहा कि कोटी कालोनी की साहसिक खेल अकादमी को भारत तिब्बत सीमा पुलिस को संचालन के लिए दिया गया है. मुख्यमंत्री ने इंटर कॉलेज मांजफ के राजकीयकरण की घोषणा के साथ-साथ चार अरब 73 करोड़ आठ हजार रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण भी किया. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘‘कतई बर्दाश्त नहीं’’ की नीति सहित अपनी सरकार की कई उपलब्धियां गिनाईं. इस मौके पर टिहरी सांसद मालाराज्य लक्ष्मी शाह, कृषि मंत्री सुबोध उनियाल, उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ.धन सिंह रावत के अलावा क्षेत्रीय विधायक विजय सिंह पंवार भी मौजूद रहे .
Source : Bhasha