Joshimath Crisis : उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने की घटनाओं को लेकर केंद्र और राज्य सरकार काफी गंभीर है. लोगों की सुरक्षा को लेकर सरकार ने शहर के लगभग डेढ़ किमी के भू-धंसाव प्रभावित इलाके को आपदाग्रस्त घोषित कर दिया है. जोशीमठ के जिन घरों (Joshimath Crisis) में दरारें आई हैं, उन घरों को चिन्हित किया जा रहा है. साथ ही उन घरों के परिवारों को सुरक्षित दूसरे स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है. इस बीच जनपद आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, चमोली ने जोशीमठ (Joshimath Crisis) के घरों में आईं दरारें और विस्थापित परिवारों की एक लिस्ट जारी की है.
जोशीमठ (Joshimath Crisis) में जमीन धंसने की घटनाओं को लेकर जनपद आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, चमोली ने रविवार को एक सूची जारी की है. इस लिस्ट के अनुसार, अब तक जोशीमठ के 603 घरों में दरारें देखी गई हैं. जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने इन घरों पर लाल निशान लगा दिए हैं. 603 घरों में से 100 घर ऐसे हैं, जोकि कभी भी ढह सकते हैं. साथ ही प्रभावित इलाके से 68 परिवारों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरिक कर दिया गया है.
जोशीमठ के बाद अब कर्णप्रयाग में भी जमीन धंसने की खबरें सामने आ रही हैं. कर्णप्रयान नगर पालिका के बहुगुणा में स्थित 50 घरों में दरारें आई हैं. इस बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को जोशीमठ (Joshimath Crisis) का दौरा किया था. इस दौरान उन्होंने लोगों के बचाव और राहत कार्य के लिए एक टीम गठित करने को कहा था. साथ ही सीएम ने जोशीमठ के सर्वे करने के लिए निर्देश दिए हैं.
इस बीच पीएमओ ने रविवार को जोशीमठ संकट (Joshimath Crisis) को लेकर हाईलेवल मीटिंग की है. इस बैठक में फैसला लिया गया है कि केंद्रीय एजेंसियां सर्वे करने के लिए सोमवार को उत्तराखंड के जोशीमठ जाएंगी. साथ ही वहां के अध्ययन के लिए अन्य टीमें भी लगाई जा रही हैं.
Source : News Nation Bureau