जोशीमठ में बीते कई दिनों से लैंडस्लाइड की घटनाओं ने केंद्र से लेकर राज्य सरकार को टेंशन में डाल दिया है. यहां पर कई मकानों में बड़ी-बड़ी दरारें ये संकेत दे रहीं हैं कि यहां पर कभी भी बड़ी तबाही देखने को मिल सकती है. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर मौसम ने साथ न दिया तो यहां पर मौजूद लाखों जिंदगियों पर खतरा मंडरा सकता है. मौसम विभाग का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण 14 जनवरी तक पहाड़ों पर भारी बारिश के साथ बर्फबारी हो सकती है. मौसम विभाग के पूर्वानुमान से लोगों में डर और दहशत है. नमी के कारण यहां पर भू-धंसाव का खतरा बढ़ सकता है. इसके साथ दरारें और गहरी हो सकती हैं. पानी के नए स्रोत फूट सकते हैं.
25-28 buildings (of Army) have developed minor cracks and the soldiers have been temporarily relocated. If needed they will be permanently relocated to Auli: General Manoj Pande on #Joshimath land subsidence issue pic.twitter.com/mBKvbulccG
— ANI (@ANI) January 12, 2023
वहीं जोशीमठ भूमि धंसाव मुद्दे पर सेना प्रमुख मनोज पांडे ने एक बयान जारी कर बताया कि 25-28 इमारतों (सेना की) में मामूली दरारें हैं। ऐसे में सैनिकों को अस्थायी रूप से स्थानांतरित किया गया है। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो जवानों को स्थायी रूप से औली में स्थानांतरित किया जाएगा.
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700 इमारतों को चिन्हित किया
जोशीमठ में इस समय बादल छाए हुए हैं. यहां पर कभी भी बारिश हो सकती है. आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार, यहां पर आज हल्की बारिश होने की संभावना है. इससे यहां पर बुरी तरह क्षतिग्रस्त इमारतों के ढह जाने का खतरा बना हुआ है. प्रशासन ने यहां पर 700 इमारतों को चिन्हित किया है. इसमें लाल निशान लगाए गए हैं. उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि ये मकान कभी भी गिर सकते हैं. इसलिए इन्हें गिराया जा रहा है. इन घरों में रहने वालों को स्थानांतरित किया जा रहा है. सरकार की ओर से आपदा से प्रभावित परिवारों को चार हजार रुपये का मासिक राहत पैकेज दिए जाने का ऐलान किया गया है.
कई इलाकों में भयानक मंजर
गोरतलब है कि जोशीमठ त्रासदी के बाद उत्तराखंड के कई इलाकों में भयानक मंजर देखने को मिल रहा है. जोशीमठ के साथ उत्तराखंड के अलग-अलग भागों में स्थित मकानों में दरारें दिखाई दे रही हैं. ऋषिकेष से कुछ ही दूर कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग, नैनीताल, उत्तरकाशी में स्थित मकानों में भी दरारें सामने आई हैं. इन सभी जगहों पर डर है कि अगर बारिश ज्यादा होती है तो ये मकान कभी भी गिर सकते हैं. प्रशासन 2 होटलों ‘मलारी इन’ और ‘होटल माउंट व्यू’ को बीते दो दिनों से ढहाने का प्रयास कर रहा है, मगर भवन मालिकों के हस्ताक्षेप के कारण कार्रवाई रुकी हुई है. इन होटलों के मालिक और स्थानीय लोग यहां पर धरना दे रहे हैं. उनकी मांग है कि बद्रीनाथ महायोजना के तहत उन्हें मुआवजा मिले.
HIGHLIGHTS
- मौसम विभाग के पूर्वानुमान से लोगों में डर और दहशत है
- नमी के कारण यहां पर भू-धंसाव का खतरा बढ़ सकता है
- बुरी तरह क्षतिग्रस्त इमारतों के ढह जाने का खतरा बना