उत्तराखंड के केदार घाटी में मौसम की आफत ने लोगों के जीवन को दूभर कर दिया है. बुधवार रात हुई मूसलाधार बारिश से केदार घाटी के कई रास्ते क्षतिग्रस्त हो गए हैं. केदार घाटी में अलग-अलग जगहों पर लोग फंसे हुए हैं. तीर्थयात्रियों और स्थानीय लोगों को सुरक्षित बाहर निकलाने के लिए जिला प्रशासन रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहा है. राहत बाचव कार्य में जिला प्रशासन और पुलिस बल सहित अन्य सुरक्षा बल जुटे हुए हैं.
चिनूक और MI-17 विमानों से एयरलिफ्ट
राहत-बचाव अधिकारियों की मानें तो अब तक हेलीकॉप्टर और मैनुअल तरीके से 7234 यात्रियों को अब तक सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है. बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए वायुसेना का चिनूक हेलीकॉप्टर और एमआई-17 विमान कार्य कर रहे हैं. मुसीबत में फंसे लोगों को हेलीकॉप्टर से एयरलिफ्ट किया जा रहा है.
एक दिन पहले इतने लोगों को बचाया गया
शुक्रवार को 599 लोगों को एयरलिफ्ट किया गया है. इसके अलावा सोनप्रयाग-जंगलचट्टी के बीच फंसे 2024 और चौमासी में फंसे 161 लोगों को एक दिन पहले सुरक्षित निकाला गया है. बारिश के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन बीच-बीच में बंद हो जा रहा है. यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रखा गया है.
अब तक इतने शव बरामद
मृतकों के बारे में रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि अब तक दो लोगों के शव बरामद हुए हैं और दोनों ही शवों को लिंचोली क्षेत्र से बरामद किया गया है. गनीमत है कि अभी तक किसी भी व्यक्ति के गुमशुदा होने की जानकारी प्रशासन को नहीं मिली है. हालांकि, नेटवर्क कनेक्टिविटी के चलते बिछड़े यात्री अपने परिजनों से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं.
यात्रियों की सहूलियत का रखा जा राह है ख्याल
जिला प्रशासन का कहना है कि आपदा के बावजूद यात्रियों की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जा रहा है. यात्रियों के लिए प्रशासन अपने स्तर से भोजन-पानी और ठहरने की व्यवस्था की है. लोगों की मदद और उनकी सहुलियत को ध्यान में रखते हुए हेल्पलाइन नंबर- 7579257572, 01364-233387 और आपातकालीन नम्बर 112 जारी किया है. भीमबली में ठहरे यात्रियों को वाईफाई की मदद से उनके परिजनों से बात कराई गई है. 150 लोगों ने अपने परिवार से बात की है.