पुलवामा आतंकी हमले के बाद जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले में आतंकियों के बिछाए बारूदी सुरंग को डिफ्यूज करने के दौरान शहीद हुए मेजर चित्रेश सिंह बिष्ट का पार्थिव शरीर आज सुबह उनके देहरादून स्थित घर पहुंच गया. आर्मी हॉस्पिटल देहरादून से सैन्य सम्मान और राजकीय सम्मान के साथ उनके पार्थिव शरीर को उनके घर तक लाया गया. उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने भी श्रद्धांजलि दी. वीआईपी लोगों के आने के चलते उत्तराखंड पुलिस प्रशासन ने नेहरू कॉलोनी आवास मार्ग का रूट डायवर्ट किया है. उत्तराखंड पुलिस भी शहीद जवान को गॉड ऑफ ऑनर दिया. शहीद मेजर को हरिद्वार में अंतिम विदाई दी गई.
बता दें कि मेजर बिष्ट अपनी शादी के लिए 28 फरवरी को घर आने वाले थे लेकिन उनका पार्थिव शरीर यहां मिलिट्री हॉस्पिटल में रविवार को पहुंचा. अंतिम संस्कार के लिए इसे सोमवार को होगा. खुशियों का शोरगुल दुखी परिजनों के करुण क्रंदन में बदल गया. उनके पिता सेवानिवृत्त पुलिस निरीक्षक एस.एस. बिष्ट ने कहा, "अजीब विडंबना है. वह शादी के लिए घर आने वाला था. अब हम उसके पार्थिव शरीर का इंतजार कर रहे हैं."
मेजर के पिता पहले ही अपने बेटे की शादी के ज्यादातर कार्ड बांट चुके थे और शादी के लिए गांववासियों और रिश्तेदारों को आमंत्रित करने के लिए वह इसी महीने कुमाऊं जिले में स्थित अपने गांव पीपली गए थे.
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बता दें कि मेजर विष्ट नौशेरा सेक्टर में बम निरोधक दस्ते की अगुआई कर रहे थे, जब आईईडी में विस्फोट हुआ. मेजर के परिजन और पड़ोसी उन्हें इंजीनियरिंग कॉर्प्स का बहादुर और ईमानदार अधिकारी बुलाते थे. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, "मैं देश की सेवा में मेजर बिष्ट की शहादत को नमन करता हूं और शहीद के परिजनों के प्रति हार्दिक संवेदनाएं व्यक्त करता हूं. संकट की इस घड़ी में पूरा देश उनके साथ खड़ा है."
Source : News Nation Bureau