सीएम पुष्कर धामी ने मंगलवार को प्रदेश के सभी मदरसों का सर्वे कराने की बात कही. जिसके बाद प्रदेश में मदरसों को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है. हालाकीं मदरसा संचालकों ने इस बात का स्वागत किया है. मदरसों की स्थिति जानने के लिए हम देहरादून के राजपुर रोड स्थित मदरसे में पहुंचे. जहां बच्चे दीनी तालीम के साथ साथ स्कूल शिक्षा भी लेते हैं . मदरसे में पढ़ने वाले बच्चे गणित और अंग्रेजी के साथ-साथ अन्य विषयों की शिक्षा भी लेते हैं. इससे पहले यूपी सरकार अभियान चलाकर पूरे प्रदेश के मदरसों का सर्वे करा रही है. जिसको लेकर वहां भी राजनीति गरमाई हुई है.
यह भी पढ़ें : अब 39 रुपए लीटर में दौड़ेगी आपकी कार, पेट्रोल-डीजल से मिलेगी मुक्ति
मदरसा संचालन करने वाले मौलवी शाकिर हुसैन का कहना है कि मदरसों के सर्वे को लेकर सरकार के फैसले का स्वागत करते हैं. क्योंकि जब सर्वे होगा तभी मदरसों की हालत भी ठीक होगी. लेकिन अगर मदरसों को बदनाम करने की नियत से यह फैसले लिए गए हैं तो विरोध होना चाहिए. वह इस मामले में समाज कल्याण मंत्री चंदन राम दास का कहना है कि प्रदेश में 419 मदरसों में से 142 भी मदरसे ऐसे हैं . जिन पर सरकारी मदद दी जाती है . पहले शिक्षकों के खातों में पैसा दिया जाता था. लेकिन अब मैनेजर के अकाउंट में पैसा जाता है. इसलिए शिक्षकों को पैसा नहीं मिला होगा. लेकिन इस मामले में सरकार जांच करा रही है जल्द ही सारी चीजें साफ होंगी.
विभागीय मंत्री का कहना है कि मदरसों को शिक्षा विभाग से भी मान्यता लेनी होगी. तभी उनके बच्चों को सभी स्कूलों में दाखिला भी मिल सकता है. आपको बता दें कि मदरसों को लेकर पूरे देश में एक अलग प्रकार का माहौल बना है. हाल ही में दिल्ली के एक मदरसे में बंधक बनाने की खबरे काफी वायरल हुई थी. आरोप है कि मदरसों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं अपने प्रदेश के मुख्यमंत्री तक का नाम नहीं बता पाते. क्योंकि उन्हें दीनी तालीम के अलावा कुछ नहीं सिखाया जाता.