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PM मोदी ने देवभूमि को किया प्रणाम, पढ़ी ये कविता 'जहां पर्वत गर्व सिखाते हैं...'

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस शताब्दी की शुरुआत में, अटल जी ने भारत में कनेक्टिविटी बढ़ाने का अभियान शुरू किया था, लेकिन उनके बाद 10 साल देश में ऐसी सरकार रही, जिसने देश का, उत्तराखंड का, बहुमूल्य समय व्यर्थ कर दिया.

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Deepak Pandey
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PM Modi

पीएम नरेंद्र मोदी( Photo Credit : Twitter)

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के देहरादून में 18 हजार करोड़ रुपये की 18 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया है. पीएम मोदी ने कहा कि उत्तराखंड पूरी देश की आस्था ही नहीं, बल्कि कर्म और कठोरता की भी भूमि है, इसलिए इस क्षेत्र का विकास, इस क्षेत्र को भव्य स्वरूप देना, डबल इंजन की सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि बीते वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद, अनेक जरूरी प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद आखिरकार आज ये दिन आया है. मैंने केदारपुरी की पवित्र धरती से कहा था और आज देहरादून से दोहरा रहा हूं, ये परियोजनाएं इस दशक को उत्तराखंड का दशक बनाने में अहम भूमिका निभाएंगी.

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस शताब्दी की शुरुआत में, अटल जी ने भारत में कनेक्टिविटी बढ़ाने का अभियान शुरू किया था, लेकिन उनके बाद 10 साल देश में ऐसी सरकार रही, जिसने देश का, उत्तराखंड का, बहुमूल्य समय व्यर्थ कर दिया. 10 साल तक देश में इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम पर घोटाले हुए, घपले हुए. इससे देश का जो नुकसान हुआ उसकी भरपाई के लिए हमने दोगुनी गति से मेहनत की और आज भी कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि आज भारत, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर 100 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के इरादे से आगे बढ़ रहा है. आज भारत की नीति, गतिशक्ति की है, दोगुनी-तीन गुनी तेजी से काम करने की है. 21वीं सदी के कालखंड में भारत में कनेक्टविटी का ऐसा महायज्ञ चल रहा है, जो भविष्य के भारत को विकसित देशों के श्रृंखला में लाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाएगा. इस महायज्ञ का एक यज्ञ आज देवभूमि में हो रहा है.

पीएम मोदी ने कहा कि केदारनाथ त्रासदी से पहले, 2012 में 5 लाख 70 हजार लोगों ने दर्शन किए थे. ये उस समय एक रिकॉर्ड था, जबकि कोरोना काल शुरू होने से पहले, 2019 में 10 लाख से ज्यादा लोग केदारनाथ जी के दर्शन करने पहुंचे थे. आज मुझे बहुत खुशी है कि दिल्ली-देहरादून इकॉनॉमिक कॉरिडोर का शिलान्यास हो चुका है. जब ये बनकर तैयार हो जाएगा तो, दिल्ली से देहरादून आने-जाने में जो समय लगता है, वो करीब-करीब आधा हो जाएगा.

पीएम ने कहा कि हमारे पहाड़, हमारी संस्कृति, आस्था के गढ़ तो हैं ही, ये हमारे देश की सुरक्षा के भी किले हैं. पहाड़ों में रहने वालों का जीवन सुगम बनाना देश की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है. साल 2007 से 2014 के बीच जो केंद्र की सरकार थी, उसने सात साल में उत्तराखंड में केवल 288 किलोमीटर नेशनल हाईवे बनाए. जबकि हमारी सरकार ने अपने सात साल में उत्तराखंड में 2 हजार किलोमीटर से अधिक लंबाई के नेशनल हाईवे का निर्माण किया है.

उन्होंने आगे कहा कि पहले की सरकार ने उत्तराखंड में नेशनल हाईवे पर 7 साल में 600 करोड़ के आस पास खर्च किया. हमारी सरकार ने 7 साल में नेशनल हाईवे पर 12,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर चुकी है. सीमावर्ती पहाड़ी क्षेत्रों के इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी पहले की सरकारों ने उतनी गंभीरता से काम नहीं किया, जितना करना चाहिए था. बॉर्डर के पास सड़कें बनें, पुल बनें, इस ओर उन्होंने ध्यान नहीं दिया.

प्रधानमंत्री ने कहा कि वन रैंक वन पेंशन हो, आधुनिक अस्त्र-शस्त्र हो, आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देना हो, जैसे उन लोगों ने हर स्तर पर सेना को हतोत्साहित करने की कसम खा रखी थी. आज जो सरकार है वो दुनिया के किसी देश के दबाव में नहीं आ सकती. एक समय था जब पहाड़ पर रहने वाले लोग विकास की मुख्यधारा से जुड़ने का सपना ही देखते रहते थे, इसमें पीढ़ियां बीत जाती थीं. लेकिन जब कुछ करने का जुनून हो तो सूरत भी बदलती है और सीरत भी बदलती है. आपका ये सपना पूरा करने के लिए हम दिन-रात मेहनत कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि टीकाकरण के मामले में आज उत्तराखंड देश के अग्रणी राज्यों में है. इसके लिए मैं पुष्कर सिंह धामी जी, उनके साथियों और पूरी उत्तराखंड की सरकार को बधाई देता हूं. डबल इंजन की सरकार में उत्तराखंड के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी तेजी से काम चल रहा है. उत्तराखंड में तीन नए मेडिकल कॉलेज स्वीकृत किए गए हैं. ऋषिकेश एम्स तो सेवा दे ही रहा है, कुमाऊं में भी सेटेलाइट सेंटर सेवा देना शुरु कर देगा.

प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ राजनीतिक दलों द्वारा समाज में भेद करके सिर्फ एक तबके को, चाहे वो अपनी जाति का हो, किसी खास धर्म का हो या अपने छोटे से इलाके के दायरे का हो, इसी पर ध्यान देना यही प्रयास हुए हैं और उसमें ही उनको अपना वोट बैंक नजर आता है. देश के सामान्य मानवी का स्वाभिमान, उसका गौरव सोची-समझी रणनीति के तहत कुचल दिया गया, उसे आश्रित बना दिया गया. लेकिन इस अप्रोच से अलग हमने अलग रास्ता चुना है. वो मार्ग कठिन है, लेकिन देशहित में है. हमारा मार्ग है, सबका साथ-सबका विकास.

उन्होंने आगे कहा कि हमने कहा कि जो भी योजनाएं लाएंगे सबके लिए लाएंगे, बिना भेदभाव के लाएंगे. हमने वोटबैंक की राजनीति को आधार नहीं बनाया बल्कि लोगों की सेवा को प्राथमिकता दी. हमारी अप्रोच रही कि देश को मजबूती देनी है. उत्तराखंड में अब होम-स्टे लगभग हर गांव में पहुंच चुके हैं. लोग बहुत सफलता से यहां होम-स्टे चला रहे हैं. उत्तराखंड होम-स्टे बनाने में, सुविधाओं के विस्तार में पूरे देश को दिशा दिखा सकता है. इस तरह के परिवर्तन उत्तराखंड को आत्मनिर्भर बनाएंगे.

मोदी ने कहा कि आने वाले 5 वर्ष उत्तराखंड को रजत जयंती की तरफ ले जाने ले हैं. ऐसा कोई लक्ष्य नहीं है, जो उत्तराखंड हासिल नहीं कर सकता. ऐसा कोई संकल्प नहीं है, जो इस देवभूमि में सिद्ध नहीं हो सकता. 

इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में यह कविता पढ़ा है...

जहां पवन बहे संकल्प लिए,

जहां पर्वत गर्व सिखाते हैं, 

जहां ऊंचे-नीचे सब रस्ते

बस भक्ति के सुर में गाते हैं 

उस देवभूमि के ध्यान से ही

उस देव भूमि के ध्यान से ही

मैं सदा धन्य हो जाता हूं 

है भाग्य मेरा,  सौभाग्य मेरा, 

मैं तुमको शीश नवाता हूं

Source : News Nation Bureau

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