देहरादून में मनोनीत सीएम पुष्कर सिंह धामी ने परेड ग्राउंड में आयोजित भव्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. राज्यपाल लेज रिटा गुरमित सिंह ने उन्हें पद और गोपनियता की शपथ दिलवाई. इसके साथ ही वह दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने वाले उत्तराखंड के पहले मुख्यमंत्री है. उनके शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री नीतिन गडकरी के साथ ही भाजपा शासित राज्यों के सीएम, गोवा के मनोनीत सीएम प्रमोद सावंत और राजस्थान की भाजपा नेता वसुंधरा राजे भी मौजूद हैं.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ ही आठ मंत्रियों ने भी शपथ लियी.
सौरभ बहुगुणा : सितारगंज विधायक सौरभ बहुगुणा ने मंत्री पद की शपथ ली. गौरतलब है कि सौरभ बहुगुणा पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के बेटे हैं. वह पहली बार मंत्री बने हैं. उन्होंने 2017 में भी सितारगंज से चुनाव जीता था.
चंदन राम दास : बागेश्वर से विधायक चंदन राम दास ने भी मंत्री पद की शपथ ली. वह पहली बार मंत्रिमंडल में शामिल हुए हैं. चंदन राम दास लगातार चार बार विधायक रह चुके हैं. वह अपने सरल स्वभाव के लिए जनता के बीच काफी प्रसिद्ध हैं.
रेखा आर्य : उत्तराखंड की पूर्व महिला एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य को फिर से मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है. बुधवार को आयोजित शपथ समारोह में उन्हें भी मंत्री पद की शपथ ली. गौरतलब है कि रेखा आर्य सोमेश्वर से विधायक हैं. रेखा आर्य 2003 में पहली बार जिला पंचायत सदस्य बनी थी. इसके बाद 2017 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले रेखा आर्या भाजपा में शामिल हुई थी. इसके बाद भाजपा के टिकट पर विधानसभा पहुंचीं थी.
सुबोध उनियाल: सुबोध उनियाल ने मंत्री पद की शपथ ली. वह नरेंद्र नगर से विधायक हैं. इससे पहले वह उत्तराखंड सरकार में कृषि मंत्री रहे हैं. इससे पहले वह कांग्रेस पार्टी में थे, लेकिन 2017 में वो भाजपा में शामिल हो गए थे.
धन सिंह रावत: पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत ने मंत्री पद की शपथ ली. 2017 में पौड़ी गढ़वाल की श्रीनगर सीट से धन सिंह रावत पहली बार विधायक बने थे. रावत अपने विनम्र स्वभाव के लिए जाने जाते हैं.
गणेश जोशी: वे मूल रूप से पिथौरागढ़ जिले के रहने वाले हैं. इनका जन्म 1958 में मेरठ में हुआ था. मेरठ में उनके पिता स्वर्गीय श्याम दत्त जोशी भारतीय सेना के जवान के रूप में तैनात थे. गणेश जोशी 1976 से 1983 तक एक सैनिक के रूप में भारतीय सेना में रहे थे. वर्तमान में वे देहरादून में रहते हैं.
प्रेमचंद अग्रवाल: भाजपा विधायक प्रेमचंद अग्रवाल संस्कृत में शपथ ली. वह राज्य की चौथी विधानसभा के स्पीकर थे. स्पीकर पद के चुनाव की नामांकन प्रक्रिया में एकमात्र नामांकन उन्होंने ही किया था. गौरतलब है कि तत्कालीन प्रोटेम स्पीकर हरबंस कपूर ने सदन में उनके स्पीकर बनने की घोषणा की थी. पांचवीं विधानसभा के लिए हुए चुनावों में उन्होंने ऋषिकेश सीट से चुनाव लड़ा था.
सतपाल महाराज : सबसे आखिर में सतपाल महाराज ने मंत्री पद की शपथ ली. सतपाल महाराज ने चौबट्टाखाल सीट से जीत दर्ज की है. वह 2017 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे. इससे पहले तक वह लंबे समय तक कांग्रेस में थे. गौरतलब है कि सतपाल महाराज आध्यात्मिक गुरु भी हैं. वह इससे पहले केंद्र की देवेगौड़ा और गुजराल सरकार में राज्य मंत्री भी रह चुके हैं.
Source : News Nation Bureau