उत्तराखंड में बीते दिनों भारी बारिश ने ब्रदीनाथ यात्रा में बांधा पैदा की. मूसलाधार बारिश और जगह-जगह भूस्खलन के कारण यात्रा पर रोक लगा दी गई थी. मंगलवार सुबह छह बजे से बद्रीनाथ यात्रा दोबारा छह बजे शुरू हुई. वहीं केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग गौरीकुंड में बाधित रहा. इस कारण गौरीकुंड में यात्रियों का लंबा जाम लगा रहा. चमोली में मूसलाधार बारिश के कारण बद्रीनाथ राष्ट्रीय पर हनुमान चट्टी से ब्रदीनाथ के बीच, लामबगड़ में खचड़ा नाले में पानी बढ़ने और बलदूड़ा में भूस्खलन के कारण यात्रा रोकी गई थी.
यात्रियों को पाण्डुकेश्वर, बद्रीनाथ जोशीमठ, पीपलकोटी, चमोली और गौचर मे रोका गया था. चार धाम यात्रा में अब 41 यात्रियों की मौत उधर, चार धाम यात्रा में अब तक 41 श्रद्धालुओं ने अपनी जान गंवाई है. सबसे ज्यादा मौत केदारनाथ यात्रा के दौरान हुई. इस दौरान 15 यात्रियों की मौत हो गई. वहीं, यमुनोत्री में 14, बद्रीनाथ में 8 और गंगोत्री में चार श्रद्धालुओं की मौत हुई. ऐसा कहा जा रहा है कि श्रद्धालुओं की मौत हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट संबंधी बीमारियों, पहाड़ी पर चढ़ने संबंधी जैसी परेशानियों से हुई है. ऐसे में प्रशासन की ओर से ऐसे यात्रियों का यात्रा न करने की सलाह दी गई है, जिन लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं.
लगातार हो रही मौतों को लेकर सरकार पर कुव्यवस्था के लग रहे आरोपों को सीएम पुष्कर धामी ने खारिज कर दिया है. धामी ने शनिवार को एक कार्यक्रम में कहा था कि चारधाम में तीर्थयात्रियों की मौत का कारण अव्यवस्था नहीं, बल्कि स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं. धामी ने दावा किया कि उनकी सरकार यात्रा को सरल बनाने का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि यात्रा को सफल बनाने की जिम्मेदारी सरकार के संग जनता की भी है.
HIGHLIGHTS
- यात्रियों को पाण्डुकेश्वर, बद्रीनाथ जोशीमठ, पीपलकोटी, चमोली और गौचर मे रोका गया था
- सबसे ज्यादा मौत केदारनाथ यात्रा के दौरान हुई, यहां 15 यात्रियों की मौत हो गई