कोरोना सी महामारी में भी अफवाहों (Rumours) फैलाकर माहौल खराब करने वाले बाज नहीं आ रहे हैं. कुछ ऐसे ही अफवाह फैलाने वाले असामाजिक तत्वों ने तो उत्तराखंड (Uttrakhand) के मुख्यमंत्री की मौत की ही फर्जी खबर सोशल मीडिया में वायरल कर दी. खबर चलते ही उत्तराखंड राज्य में मानों भूचाल सा आ गया. चीफ मिनिस्टर (Chief Minister) हाउस से लेकर पुलिस मुख्यालय और राज्य के थाने चौकी तक के फोन घनघना उठे. सिर्फ यह जानने के लिए आखिर अचानक मुख्यमंत्री की मौत कैसे हो गयी? कल तक तो सब कुछ ठीक-ठाक था.
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पांच लोग आरोपी
बुधवार को घटना की पुष्टि उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक (अपराध कानून एवं व्यवस्था) अशोक कुमार ने भी की. उन्होंने बताया कि, इस सिलसिले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. एफआईआर नामजद दर्ज की गयी है. यह एफआईआर सीताराम भट्ट द्वारा बुधवार को दोपहर के वक्त देहरादून के थाना कैंट में दर्ज कराई गयी. देहरादून कैंट थाने में दर्ज एफआईआर के मुताबिक, एफआईआर में पांच लोगों को आरोपी बनाया गया है. इन पांचों के खिलाफ नामजद मामला दर्ज कराया गया है. 'यह मजाक बेहद घटिया था. यह मजाक नहीं वरन राज्य की शांति व्यवस्था भंग करने जैसा गंभीर अपराध है. मुकदमा दर्ज होते ही मामले की तेजी से जांच कराने के आदेश देहरादून पुलिस उप महानिरीक्षक को दे दिये हैं.'
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लोगों ने सच मान लिया
शिकायतकर्ता सीताराम भट्ट ने आरोप लगाया है, 'आरोपियों ने फेसबुक पर राज्य के मुख्यमंत्री की मौत की फर्जी खबर डाली थी. इसके बाद राज्य में एक अजीबोगरीब हालात बन गये. हर कोई अफरा तफरी में फंसता चला गया. जब तक सही बात सामने निकल कर नहीं आयी, तब तक राजनीति से लेकर सरकारी तंत्र तक परेशान रहा.' उत्तराखंड पुलिस के ही एक अधिकारी के मुताबिक, 'अफवाहें फैलाने वालों में से कुछ ने तो चीफ मिनिस्टर की मौत की वजह हार्ट अटैक तक जाहिर कर दी थी.'
Source : News Nation Bureau