गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत की संपत्ति 2017 से तीन गुना बढ़ गई है, जबकि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की संपत्ति समान अवधि में लगभग सात गुना बढ़ी है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की दो रिपोर्ट में इस संपत्ति को लेकर उल्लेख किया गया है. रिपोर्ट्स के अनुसार, वर्ष 2019 से गोवा के सीएम के तौर पर काम कर रहे सावंत के पास 6.58 करोड़ रुपये हैं. इस बीच, धामी केवल सात महीने के लिए सीएम रहे हैं और 2.85 करोड़ रुपये से अधिक अमीर हो गए हैं. एडीआर और उत्तराखंड इलेक्शन वॉच ने 14 फरवरी को होने वाले आगामी उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में फिर से चुनाव लड़ रहे 51 विधायकों के स्व-शपथ पत्रों का विश्लेषण किया है.
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एक रिपोर्ट के अनुसार, सभी 51 विधायकों की संपत्ति में वृद्धि हुई है. जिनमें कम से कम 3 प्रतिशत से लेकर 740 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है.अन्य रिपोर्ट में एडीआर और गोवा इलेक्शन वॉच ने आगामी गोवा विधानसभा चुनाव में फिर से लड़ने वाले 37 विधायकों के स्वयंभू हलफनामों का विश्लेषण किया है, जो 14 फरवरी को भी निर्धारित हैं. उनमें से 35 विधायकों की संपत्ति 2 प्रतिशत से बढ़कर 236 प्रतिशत हो गई है.
गोवा में संपत्ति की औसत वृद्धि 64%
गोवा के विधायकों की रिपोर्ट में कहा गया है, वर्ष 2017 में निर्दलीय सहित विभिन्न दलों द्वारा फिर से चुनाव लड़ रहे इन 37 विधायकों की औसत संपत्ति 10.24 करोड़ रुपये थी. वर्ष 2022 में उनकी औसत संपत्ति 16.77 करोड़ रुपये है. इसके अलावा वर्ष 2017 और 2022 के बीच फिर से चुनाव लड़ने वाले इन 37 विधायकों की औसत संपत्ति वृद्धि 64 प्रतिशत (6.53 करोड़ रुपये) है.
गोवा में सत्तारूढ़ भाजपा ने फिर से 22 मौजूदा विधायकों को मैदान में उतारा है. उनकी संपत्ति में औसत वृद्धि 5.79 करोड़ रुपये है. पिछले महीने तक कलंगुट निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा विधायक माइकल विंसेंट लोबो ने अपनी संपत्ति में अधिकतम 38.31 करोड़ रुपये की वृद्धि की घोषणा की है. वर्ष 2017 में 54.59 करोड़ रुपये की संपत्ति थी वह बढ़कर वर्ष 2022 में 92.91 करोड़ रुपये हो गई. गोवा कैबिनेट की सदस्य रह चुकीं लोबो जनवरी में कांग्रेस में शामिल हुईं थीं.
BJP के अतानासियो मोनसेरेट की संपत्ति में 26.87 करोड़ की वृद्धि
पणजी निर्वाचन क्षेत्र से बीजेपी के अतानासियो मोनसेरेट की संपत्ति में 26.87 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है. वर्ष 2017 में 21.61 करोड़ रुपये से बढ़कर 2022 में 48.48 करोड़ रुपये हो गई. गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) के एकमात्र विधायक विजय सरदेसाई की संपत्ति पिछले पांच वर्षों में 22.40 करोड़ रुपये बढ़ी है. वर्ष 2017 में 14.75 करोड़ रुपये से 2022 में 37.16 करोड़ रुपये हो गई. वह फतोर्दा से फिर से चुनाव लड़ रहे हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के दो विधायकों की संपत्ति में औसत वृद्धि 7.16 करोड़ रुपये है.
उत्तराखंड में 49% औसत संपत्ति वृद्धि
उत्तराखंड पर रिपोर्ट में कहा गया है, उत्तराखंड में वर्ष 2017 में निर्दलीय सहित विभिन्न दलों के 51 विधायकों की औसत संपत्ति 4.72 करोड़ रुपये थी. वर्ष 2022 में उनकी औसत संपत्ति 7.05 करोड़ रुपये है. रिपोर्ट में कहा गया है, फिर से चुनाव लड़ने वाले इन 51 विधायकों की औसत संपत्ति वृद्धि 2.33 करोड़ रुपये या 49 प्रतिशत है. रुपये के मामले में संपत्ति में सबसे अधिक वृद्धि शीर्ष पांच में से चार विधायक भाजपा के हैं. सोमेश्वर निर्वाचन क्षेत्र से रेखा आर्य ने अपनी संपत्ति में अधिकतम 12.42 करोड़ रुपये की वृद्धि घोषित की है. वर्ष 2017 में जहां उनकी संपत्ति 12.78 करोड़ रुपये थी वह वर्ष 2022 में बढ़कर 25.20 करोड़ रुपये हो गई. मंगलौर निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस के काजी मोहम्मद निजामुद्दीन की संपत्ति 10.80 करोड़ रुपये वर्ष 2017 में 21.30 करोड़ रुपये से बढ़कर 2022 में 32.10 करोड़ रुपये हो गई है. इसके अलावा, रुड़की निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के प्रदीप बत्रा की संपत्ति में 8.25 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है. भगवा पार्टी से सतपाल महाराज की 7.08 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है.
HIGHLIGHTS
- गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत की संपत्ति 2017 से तीन गुना बढ़ी
- उत्तराखंड के सीएम धामी की संपत्ति लगभग सात गुना बढ़ी है
- एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की दो रिपोर्ट में इसका उल्लेख