चारधाम यात्रा (Char dham yatra) की शुरुआत हो गई है. 1 जुलाई से पूरे प्रदेश के लिए यात्रा शुरू होगी. फिलहाल अभी उत्तराखंड (Uttarakhand) के निवासी ही भाग ले सकते हैं. श्रद्धालुओं को पहले पंजीकरण कराना होगा. कंटेन्मेंट जोन और बफर जोन के निवासियों की अनुमति नहीं मिलेगी. श्रद्धालुओं को देवस्थानम बोर्ड की वेबसाईट में अपना पंजीकरण और सेल्फ डिक्लरेशन देना होगा. जिन व्यक्तियों में कोविड 19 या फ्लू से संबंधित लक्षण होंगे, वो यात्रा नहीं कर सकेंगे. 65 साल से अधिक और 10 साल से कम आयु के श्रद्धालुओं को अनुमति नहीं होगी. मंदिर के गर्भगृह और सभा मंडप में प्रवेश नहीं होगा.
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एक तय संख्या में लोग चार धाम की यात्रा कर पाएंगे
चार धाम का यात्रा आम लोगों के लिए खुलने जा रहा है. लेकिन इस बार चारधाम की यात्रा सबके लिए नहीं होगा. एक तय संख्या में लोग चार धाम की यात्रा कर पाएंगे. त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने चारधाम यात्रा शुरू करने के सरकार ने निर्देश दिए हैं. मंगलवार को उत्तराखंड चारधाम, देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड ने इसके मद्देनजर फैसला लिया है. बद्रीनाथ में 1200 यात्री दर्शन कर पाएंगे. वहीं केदारनाथ में 800 यात्री ही जा पाएंगे. वहीं यमुनोत्री में 600 और गंगोत्री में 400 स्थानीय लोगों को दर्शन मिलेगा.अभी फिलहाल राज्य के ही लोग दर्शन कर सकेंगे.
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सीमित संख्या मे मजदूरों को भी आने की अनुमति दी
फिलहाल उत्तराखंड के लोग ही चार धाम की यात्रा कर पाएंगे. बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने निर्देश जारी किया है. चारधाम के होटल में मरम्मत या कार्य करने के लिए सीमित संख्या मे मजदूरों को भी आने की अनुमति दी गई है. चार धाम में दर्शन की टाइमिंग सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक रहेगा. इसके अलावा इन धामों में होटल, लॉज और धर्मशाला से सम्बन्धित लोगों को भी धाम में आने की इजाजत होगी. दर्शनों के लिए केंद्र की गाइडलाइन को मानना अनिवार्य होगा.