बहुत अद्भुत है पत्थरों पर उकेरी यह पेंटिंग, लेकिन नॉट फॉर सेल

विश्व प्रसिद्ध कॉर्बेट नेशनल पार्क के ढिकुली रेंज में संजय छिम्बवाल रहते हैं. संजय होटल इंडस्ट्री में कई साल काम कर चुके हैं और अब खुद का ट्रेवल एजेंसी का बिजनेस करते हैं. संजय वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट हैं. जानवरों और पशु पक्षियों को लेकर लोगों को जागरूक करने का काम भी करते हैं.

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Kuldeep Singh
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बहुत अद्भुत है पत्थरों पर उकेरी यह पेंटिंग, लेकिन नॉट फॉर सेल

पत्थर पर चित्रकारी करते संजय छिम्बवाल( Photo Credit : न्यूज स्टेट)

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अक्सर हम सुनते हैं कि कला का कोई मोल नहीं होता कला का कोई दाम नहीं होता. आज एक जड़ कलाकार की कहानी आपको बता रहे हैं जिसकी कला बड़ी अनोखी है. इसे देखते ही हर कोई चाहता है कि यह चित्रकारी उनके ड्राइंग रूम का हिस्सा बन जाए. लेकिन यह चित्रकार अपनी कला को बेचना नहीं चाहता क्योंकि यह उसका शौक है. वह अपने शौक को वन्य जीव संरक्षण के लिए प्रयोग कर रहा है.

विश्व प्रसिद्ध कॉर्बेट नेशनल पार्क के ढिकुली रेंज में संजय छिम्बवाल रहते हैं. संजय होटल इंडस्ट्री में कई साल काम कर चुके हैं और अब खुद का ट्रेवल एजेंसी का बिजनेस करते हैं. संजय वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट हैं. जानवरों और पशु पक्षियों को लेकर लोगों को जागरूक करने का काम भी करते हैं. संजय का शौक पत्थरों पर पेंटिंग करने का है या यूं कह सकते हैं कि संजय एक स्टोन पेंटर हैं जिनकी पेंटिंग देख कर आप भी उनकी चित्रकारी के दीवाने हो जाएंगे.

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मोदी से लेकर धोनी और गांधी की पत्थर पर उकेर चुके हैं तस्वीर 

संजय भारतीय क्रिकेट के सितारे महेंद्र सिंह धोनी, वर्ल्ड टेनिस स्टार राफेल नडाल जैसे बड़े खिलाड़ियों की तस्वीरें पत्थर पर उकेर चुके हैं. अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी हो या नस्लवाद के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले नेल्सन मंडेला हों , हर किसी की मौजूदगी इन पत्थरों पर नजर आती है. पत्थरों पर उकेरी गई इस चित्रकारी को जब आप ध्यान से देखते हैं तो आपको महान गायिका लता मंगेशकर और किशोर कुमार भी नजर आते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर अल्बर्ट आइंस्टीन भी इन पत्थरों पर मौजूद हैं. संजय की पेंटिंग में विश्व भर की महान विभूतियों के अलावा हिंदू धर्म के देवी देवता भी नजर आते हैं. दुर्लभ भगवान हनुमान का रौद्र रूप या फिर भगवान परशुराम का क्रोधपूर्ण फरसे वाला रूप ही नजर आता है.

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जीव जंतुओं से लेकर पक्षियों की तस्वीरें मौजूद
चित्रकारी संजय का शौक रहा है. बरसात के मौसम में जब जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के सभी गेट बंद हो जाते हैं यानी यूं कहें कि जब पर्यटकों का सीजन खत्म हो जाता है और संजय आराम और फुर्सत वाले लम्हों में आ जाते हैं तो तब वे जंगलों और कॉर्बेट नेशनल पार्क के आसपास के नदी नालों में कुछ खास पत्थरों को बीनने निकल जाते हैं. सैकड़ों पत्थरों को जमा करने के बाद संजय तन्हाई में इन पत्थरों पर अपनी चित्रकारी का जादू बिखेरने लगते हैं.

पत्थरों पर जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के अंदर पाए जाने वाले लगभग सभी जीव जंतुओं की तस्वीरें नजर आती हैं. जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क पार्क के लिए प्रसिद्ध है बाघ की पूरी फैमिली पत्थर पर नजर आती है. नेशनल पार्क के कई दुर्लभ पशु पक्षी भी इन पत्थरों पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराते हैं. संजय से जब हमने पूछा तो वह बताते हैं कि अपनी चित्रकारी के जरिए वह वन्य जीव संरक्षण का लोगों को संदेश दे रहे हैं . जो पर्यटक यहां आते हैं उन्हें इन चित्रकारी के जरिए बताते हैं कि कॉर्बेट नेशनल पार्क में आपको किस तरह के जीव जंतु देखने को मिलते हैं.

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पत्थरों पर लिख दिया है नॉट फॉर सेल 

अक्सर चित्रकार अपनी कला को लोगों को दिखाने के लिए प्रदर्शनी लगाते हैं और बड़े महंगे दामों में उनकी पेंटिंग्स भी बिकती हैं लेकिन जब संजय से इन स्टोन पेंटिंग का दाम पूछा जाता है तो मुस्कुराकर वह सिर्फ नॉट फॉर सेल कह देते हैं. बार-बार पर्यटक इन पेंटिंग्स का दाम पूछते हैं तो आप संजय ने एक पत्थर में ही नोट फोर सेल का डिजाइन बनाकर इनके बीच में रख दिया है. जिससे शायद हर किसी को यह आभास हो जाए कि संजय अपने शौक को सिर्फ शौक ही रखना चाहते हैं उसे आमदनी नहीं बनाना चाहते.

Source : सुरेन्द्र डसीला

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