उत्तराखंड में लगातार आसमानी आफत आ रही है और इसमें लोग अपनी जान गवा रहे हैं. चमोली जिले के धुरमा गांव में देर रात बादल फट गया. बादल फटने से आई बाढ़ में तीन मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जबकि दो मकान बाढ़ में ही बह गए हैं. हालांकि इस घटना में अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है. मौके पर राहत और बचाव का कार्य जारी है. पिथौरागढ़ में भी बादल फटने की वजह से काफी नुकसान हुआ है और इसमें जनहानि भी हुई है. शनिवार को पिथौरागढ़ जिले के नाचनी क्षेत्र में बारिश के कारण 3 मकान क्षतिग्रस्त हो गए. हादसे में दो लोगों की भी जान चली गई, जबकि कई लोग घायल हो गए.
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गोपेश्वर जिले में भी हेमकुंड साहिब जाने वाले रास्ते पर पड़ने वाले गोविंदघाट में शनिवार सुबह हुए भूस्खलन के मलबे के नीचे आधा दर्जन से अधिक वाहन दब गए. जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एनके जोशी ने बताया कि अब तक हादसे में किसी की मौत की खबर नहीं है. सिख धार्मिक स्थल हेमकुंड साहिब के रास्ते में गोविंदघाट सबसे अहम पड़ाव है. जोशी ने बताया कि नहर में अचानक आई बाढ़ से गोविंदघाट में सड़क पर पानी जमा हो गया है और बद्रीनाथ को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात बाधित है.
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राज्य में जगह-जगह भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं में कई लोगों की जान जा चुकी है. पिछले महीने भी उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में बादल फटने के बाद भयंकर तबाही देखने को मिली थी. मोरी तहसील इलाके में बादल फटने की वजह से करीब 10 लोग मारे गए थे और कई लोग लापता हो गए थे. बादल फटने के बाद आई भयंकर बाढ़ ने कई घरों को तबाह कर दिया था. करीब 13 गांव इस आपदा से प्रभावित हुए थे. इसको देखते हुए सरकार भी अलर्ट मोड पर है. सरकार द्वारा मौके पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम को लगाया गया है.
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