उत्तराखंड में जारी सियासी उथल-पुथल आज थम गया है. त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. पौढ़ी गढ़वाल से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद तीरथ सिंह रावत (Tirath Singh Rawat) ने बुधवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इस दौरान उत्तराखंड राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने उन्हें सीएम पद की शपथ दिलाई है. बीजेपी विधायक दल की बैठक में तीरथ सिंह रावत को नेता चुना गया था. इसके साथ ही उनके उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया था. इससे पहले वे उत्तराखंड (Uttarakhand) में शिक्षा मंत्री रह चुके हैं.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने तीरथ सिंह रावत को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बनने की बधाई दी है. पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि तीरथ सिंह रावत के पास प्रशासनिक और संगठनात्मक अनुभव है. मुझे विश्वास है कि उनके नेतृत्व में राज्य प्रगति की नई ऊंचाइयों को छूता रहेगा.
Congratulations to Shri @TIRATHSRAWAT on taking oath as the Chief Minister of Uttarakhand. He brings with him vast administrative and organisational experience. I am confident under his leadership the state will continue to scale new heights of progress.
— Narendra Modi (@narendramodi) March 10, 2021
विधायक दल की बैठक में लगी मुहर
सुबह भाजपा कार्यालय पर बुलाई विधायक दल की बैठक में नए सीएम के रूप में तीरथ सिंह रावत के नाम पर मुहर लगी. बैठक में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और उत्तराखंड के प्रभारी रमन सिंह, रमेश पोखरियाल के अलावा कार्यवाहक मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत, दुष्यंत कुमार गौतम, यशपाल आर्य, रेखा वर्मा समेत उत्तराखंड से भाजपा के तमाम सांसद और विधायक मौजूद रहे.
तीरथ सिंह रावत का परिचय
तीरथ सिंह का जन्म 9 अप्रैल 1964 को पौड़ी गढ़वाल में हुआ था. वर्तमान में वह पौड़ी लोकसभा सीट से ही सांसद हैं. इससे पहले साल 2012-2017 में चौबट्टाखाल विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं. वह बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव भी हैं. उन्होंने श्रीनगर गढ़वाल के बिरला कॉलेज से समाजशास्त्र में पोस्ट ग्रैजुएट और पत्रकारिता में डिप्लोमा हासिल किया. पढ़ाई पूरी करने के बाद वह आरएसएस के साथ बतौर सामाजिक कार्यकर्ता जुड़ गए. पौड़ी सीट से भाजपा के उम्मीदवार के अतिरिक्त 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हिमाचल प्रदेश का चुनाव प्रभारी भी बनाया गया था. तीरथ सिंह रावत वर्ष 2000 में नवगठित उत्तराखंड के प्रथम शिक्षा मंत्री चुने गए थे. इसके बाद 2007 में भारतीय जनता पार्टी उत्तराखण्ड के प्रदेश महामंत्री चुने गए. इसके बाद प्रदेश चुनाव अधिकारी और प्रदेश सदस्यता प्रमुख रहे. 2013 उत्तराखंड दैवीय आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के अध्यक्ष रहे. 2012 में चौबटाखाल विधान सभा से विधायक निर्वाचित हुए और वर्ष 2013 में उत्तराखंड भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बने.
आरएसएस के प्रचारक भी थे तीरथ
इसके पहले वर्ष 1983 से 1988 तक वह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक रहे. वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (उत्तराखण्ड) के संगठन मंत्री और राष्ट्रीय मंत्री भी रह चुके हैं. तीरथ सिंह रावत के राजनीतिक सफर की शुरुआत छात्र जीवन में ही हो गई थी. वह हेमवती नंदन गढ़वाल विश्व विधालय में छात्र संघ अध्यक्ष और छात्र संघ मोर्चा (उत्तर प्रदेश) में प्रदेश उपाध्यक्ष भी रहे. इसके बाद भारतीय जनता युवा मोर्चा (उत्तर प्रदेश) के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे. 1997 में उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य निर्वाचित हुए और विधान परिषद में विनिश्चय संकलन समिति के अध्यक्ष बनाये गए. तीरथ सिंह रावत को पौड़ी सीट से भारी मतों से लोकसभा का चुनाव जीते थे. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के मनीष खंडूड़ी को 2,85,003 से अधिक मतों से हराया था.
HIGHLIGHTS
- राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने तीरथ सिंह रावत को दिलाई शपथ
- पौढ़ी गढ़वाल से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद हैं तीरथ सिंह रावत
- पीएम नरेंद्र मोदी ने तीरथ सिंह रावत को दी शुभकामनाएं