उत्तराखंड में अगले मुख्यमंत्री को लेकर तस्वीर अभी तक साफ नहीं हो सकी है. शनिवार को गृह मंत्री अमित शाह ने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष के साथ बैठक की थी. इसके साथ ही नए सीएम को लेकर अंतिम चर्चा करने के लिए पार्टी आलाकमान ने कार्यवाहक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक को दिल्ली बुलाया है. गौरतलब है कि इससे पहले जेपी नड्डा ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से भी मुलाकात की थी. धामी और कौशिक को दिल्ली तलब करने से रविवार को होने वाली विधायक दल की बैठक में टल गई है. इस कड़ी में यह भूलना नहीं चाहिए कि केंद्रीय पर्यवेक्षकों की उत्तराखंड दौरे की तारीख भी लगातार टल रही है.
इस लिहाज से देखें तो उत्तराखंड में सीएम को लेकर अभी भी पार्टी आलाकमान में उहापौह की स्थिति देखी जा रही है. ऐसे में जहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक दिल्ली बुलाए गए हैं. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी इस समय दिल्ली में ही मौजूद हैं. पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से शिष्टाचार भेंट करने से पहले रावत ने पार्टी के संगठन महामंत्री बीएल संतोष से भी शिष्टाचार मुलाकात की थी.
पार्टी सूत्रों के मुताबिक पुष्कर सिंह धामी के खटीमा से चुनाव हारने के बाद उत्तराखंड के अगले मुख्यमंत्री का मामला पेचीदा हो चला है. उनके चुनाव हारने के बाद कई नेता मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं. अलग-अलग खेमों में बंटी बीजेपी में सीएम के चेहरे को लेकर एक राय नहीं है. बीजेपी के भीतर कई अनकहे खेमे हैं, जो बड़े राजनीतिक मौकों पर साफ-साफ नजर आते हैं. मुख्यमंत्री के मुद्दे पर इन खेमों को एक राय करना पार्टी आलाकमान के लिए सबसे बड़ी चुनौती है.
HIGHLIGHTS
- धामी के खटीमा से चुनाव हारने से पेचीदा हो गया नया सीएम चुनना
- खेमों में बंटी बीजेपी के लिए नए सीएम पर एकराय बनाना आसान नहीं