Uttarakhand News: उत्तराखंड के चमोली में दो विदेशी महिला पर्वतारोहियों के लापता होने की खबर है. बताया जा रहा है ये पर्वतारोही चमोली जिले के चौखंबा तृतीय में फंस गई थी. जिनकी तलाश के लिए भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टर को भेजा गया, लेकिन दोनों पर्वतारोहियों का कोई पता नहीं चला. बताया जा रहा है कि दोनों महिला पर्वतारोही 6000 मीटर से ज्यादा की ऊंचाई पर फंस गई थीं. इसके बाद से उनका कोई पता नहीं चला है.
जिलाधिकारी ने मांगे एसडीआरएफ से मदद
दो पर्वतारोहियों की तलाश के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है. लेकिन उनका अभी तक कुछ सुराग नहीं मिला है. इस बीच शुक्रवार को वायु सेना के हेलीकॉप्टर से पर्वतारोहियों की तलाश की गई, लेकिन कोई सफलता हाथ नहीं लगी. इस बीच चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने दोनों महिला पर्वतारोहियों को बचाने के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) से मदद मांगी है.
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अमेरिका और इंग्लैंड की रहने वाली हैं पर्वतारोही
बता दें कि हर साल हजारों की संख्या में विदेशी नागरिक हिमालय की सैर और एडवेंचरस एक्टिविटी के लिए उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्यों में आते हैं. जिनमें से कई बार कुछ लोग पहाड़ी इलाकों में फंस जाते हैं. कई बार कुछ लोगों का सुदूर पहाड़ों में पता ही नहीं चलता. जब तक उनके पास मदद के लिए कोई पहुंचता है तब तक उनकी जान चली जाती है. चमोली के जिला मजिस्ट्रेट ने बताया कि इनमें से एक महिला पर्वतारोही अमेरिका की और दूसरी इंग्लैंड की रहने वाली है. जिनकी पहचान मिशेल थेरेसा ड्वोरक और इंग्लैंड की रहने वाली फेव जेन मैनर्स के रूप में हुई है. बताया जा रहा है दोनों इंडिया माउंटेनियरिंग फाउंडेशन का एक विदेशी पर्वतारोहण अभियान का हिस्सा थीं.
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शुक्रवार सुबह 8 बजे शुरू हुआ सर्च अभियान
जिलाधिकारी के मुताबिक, दोनों महिला पर्वतारोहियों की तलाश के लिए शुक्रवार सुबह 8 बजे दो हेलीकॉप्टर्स से सर्च अभियान चलाया गया. हालांकि, उनका अभी तक पता नहीं चला है और न ही उनसे संपर्क किया गया है. उन्होंने कहा कि खोज और बचाव अभियान में सहायता के लिए एसडीआरएफ कर्मियों की एक टीम तैनात करने के लिए एसडीआरएफ कमांडेंट को अनुरोध भेजा गया है.
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कैसे 6000 मीटर पर फंस गई विदेशी पर्वतारोही
जिलाधिकारी के मुताबिक, जब वे 6,995 मीटर की ऊंचाई पर स्थित चौखंबा III के रास्ते में 6,015 मीटर की ऊंचाई पर थी, तब उनके रसद और तकनीकी उपकरण गिर गए. जिससे वे वहां फंस गईं. इस बारे में जानकारी मिलते ही गुरुवार रात 11 बजे चमोली के जिलाधिकारी की ओर से भारतीय रक्षा मंत्रालय के सैन्य मामलों के विभाग (डीएमए) को पर्वतारोहियों के हेली रेस्क्यू के लिए अनुरोध भेजा गया.